For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राजनीति में पार्टियाँ निभा रहीं पहचान
डंडे पत्थर गालियों  का आदान-प्रदान

जो बोले तू झूठ वो   मैं बोलूँ वो तथ्य
लफ़्फ़ाज़ी के रंग में लिपा-पुता हर कथ्य

झंडे टोपी भीड़ से  रोचक दिखे प्रसंग
देख जमूरा नाचता पब्लिक होती दंग  

जो जितना दम चीखता, उतना पाये मान
लोकतंत्र का रूप यह, अब इसकी पहचान  

तूने खाया आजतक, अब खाने दे यार’
लक्कड़-बग्घा  लोमड़ा, चट्टे-बट्टे यार
**************
--सौरभ
**************

(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 1542

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 28, 2014 at 10:51pm

भाई विशाल चर्चितजी, हार्दिक धन्यवाद

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on March 31, 2014 at 5:17pm

तूने खाया आजतक, अब खाने दे यार’ 
लक्कड़-बग्घा  लोमड़ा, चट्टे-बट्टे यार

हा हा हा हा........ वैसे तो सारे दोहे अच्छे हैं पर ये वाला लाजवाब हो गया सर !!!!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 26, 2014 at 6:38pm

प्रस्तुति पर आपने समय दिया, यह उत्साहवर्द्धक है.

आप सुधीजनों के प्रति मेरा हार्दिक आभार .. .

Comment by Savitri Rathore on March 11, 2014 at 4:14pm

आ० सौरभ जी,सादर नमस्कार !
वर्तमान परिस्थितियों पर आधारित सार्थक व सटीक रचना,बधाई हो।

Comment by vandana on March 11, 2014 at 5:38am


जो बोले तू झूठ वो   मैं बोलूँ वो तथ्य 
लफ़्फ़ाज़ी के रंग में लिपा-पुता हर कथ्य 

तूने खाया आजतक, अब खाने दे यार’ 
लक्कड़-बग्घा  लोमड़ा, चट्टे-बट्टे यार 

बहुत बढ़िया व्यंग्यात्मक दोहे आदरणीय सर 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on March 9, 2014 at 5:55pm

आदरणीय सौरभ भाईजी, 

दोहे बड़े सटीक हैं, नेताओं पर वार।

पढ़ते तो वो  झेलते, सौरभजी की मार॥

सामयिक व्यंग्य पर हार्दिक बधाई ,

Comment by Satyanarayan Singh on March 8, 2014 at 2:48pm
परम आ. सौरभ जी सादर

सामयिक चुनावी दोहावली हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 8, 2014 at 8:13am

वर्तमान में चुनावी माहौल पर हो रही राजनीति का सच्चा चिटठा खोलती दोहावली पर आपको हार्दिक बधाई आदरणीय सौरभ जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on March 8, 2014 at 8:10am

आदरणीय सौरभ सर, आज की राजनीति का सच उजागर करते सार्थक दोहों के लिये आपको बहुत बहुत बधाई
सादर,


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 7, 2014 at 9:32pm

हर दोहा आज की राजनीति के मुख पर एक तमाचा है ,कितनी आपा धापी ,मार पीट ,पहले टिकट के लिए फिर वोट के लिए ,हर पार्टी सच में एक तमाशा है ,समसामयिक दोहे पढ़ कर मजा आ गया --

तूने खाया आजतक, अब खाने दे यार’ 
लक्कड़-बग्घा  लोमड़ा, चट्टे-बट्टे यार ----- बहुत लाजबाब दोहा ..गिरगिट भी जोड़ लीजिये :)

बहुत बहुत बधाई आपको आ० सौरभ जी, इन शानदार दोहों के लिए. 
*****

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो"
2 hours ago
Aazi Tamaam commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"अच्छी रचना हुई आदरणीय बधाई हो"
2 hours ago
Aazi Tamaam commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो 3 बोझ भारी तले को सुधार की आवश्यकता है"
2 hours ago
Aazi Tamaam commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय इस बह्र पर हार्दिक बधाई"
2 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेंद्र इंसान जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
2 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत शुक्रिया आदरणीय भंडारी जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
2 hours ago
surender insan commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई जी  छन्न पकैया (सारछंद) में आपने शानदार और सार्थक रचना की है। बहुत बहुत बधाई…"
3 hours ago
surender insan commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय आज़ी भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करे जी।"
3 hours ago
surender insan commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सौरभ जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सुशिल भाई , अच्छी दोहा वली की रचना की है , हार्दिक बधाई "
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरनीय आजी भाई , अच्छी ग़ज़ल कही है हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service