For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पाँच चुनावी दोहे (संंख्या - 2) // --सौरभ

हर चूहा चालाक है, ढूँढे  सही  जहाज
डगमग दिखा जहाज ग़र, कूद भगे बिन लाज

सजी हाट में घूमती, बटमारों की जात
माल-लूट के पूर्व ही, करती लत्तमलात

नाटक के इस मंच पर, पीटे जोकर ढोल
उलटबासियाँ चेंपता, चीखे - ’खोला पोल’

भौंरों को उम्मीद थी, खिलें उपट के फूल
पर वो आँधी चल पड़ी, धूल धूल बस धूल

दर्शक भौंचक हो रहे, देख पात्र के टेक
उठा-पटक तो मंच पर, पर्दा पीछे एक

*******
-सौरभ
*******
(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 2084

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 7, 2014 at 11:21pm

प्रस्तुति को अनुमोदित करने केलिए सादर धन्यवाद आदरणीया प्राचीजी.

उठा पटक तो मंच पर, पीछे पर्दा एक   न हो कर उठा पटक तो मंच पर, पर्दा पीछे एक  सही पद है. यानि, भले मंच पर अर्थात सबके सामने सभी उठा-पटक तो करते दीखते हों, पर्दे के पीछे विचारों से सभी एक ही हैं.
सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 7, 2014 at 8:52pm

बहुत सामयिक मजेदार दोहावली प्रस्तुत की है आ० सौरभ जी 

कहीं चूहे जहाज से भाग रहे हैं, कहीं जोकर पोल खोल रहे हैं, और आख़िरी वाले का तो क्या कहना...बिलकुल सही कहा "उठा पटक तो मंच पर, पीछे पर्दा एक"

इस सुन्दर इंगितों के माध्यम से यथा स्थिति दर्शाती दोहावली के लिए हार्दिक बधाई 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 3, 2014 at 3:39am

प्रस्तुति पर समय देने के लिए आप सबों को मेरा हार्दिक धन्यवाद

शुभ-शुभ

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on March 31, 2014 at 5:12pm

वाह - वाह.... हर दोहा लाजवाब सर !!!!

Comment by भुवन निस्तेज on March 31, 2014 at 8:27am

हर चूहा चालाक है, ढूँढे  सही  जहाज 
डगमग दिखा जहाज ग़र, कूद भगे बिन लाज 

सजी हाट में घूमती, बटमारों की जात 
माल-लूट के पूर्व ही, करती लत्तमलात 

नाटक के इस मंच पर, पीटे जोकर ढोल 
उलटबासियाँ चेंपता, चीखे - ’खोला पोल’ 

भौंरों को उम्मीद थी, खिलें उपट के फूल 
पर वो आँधी चल पड़ी, धूल धूल बस धूल 

दर्शक भौंचक हो रहे, देख पात्र के टेक 
उठा-पटक तो मंच पर, पर्दा पीछे एक 

bahut hi badhiya prastuti, sans thamjaye vachan karte huye...Saadar


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 28, 2014 at 3:32am

आप सुधीजनों का हृदय की गहराइयों से धन्यवाद.

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on March 27, 2014 at 7:37pm

आदरणीय सौरभ भाईजी,

चुनाव के समय सभी राष्ट्रीय दल और छुटभैये नेताओं की पोल खोलती इस व्यंग रचना पर हार्दिक बधाई ।

लोटे बिन पेंदी हुए, नेता भये गिरगिट।

पाँच बरस मस्ती किये, चुनाव समय में फिट ॥

Comment by Sachin Dev on March 26, 2014 at 2:50pm

आदरणीय सौरभ जी, चुनावी घमासान की इस रेलम-पेल को खूबसूरती से प्रदर्शित कर रहे हैं आपके ये दोहे ..... आपके इन दोहों से प्रेरित होकर इसमें एक दोहा मैं भी  लिखने की खता कर रहा हूँ सादर ...... 

भोला मतदाता बड़ा,  छला गया हर बार

नगर कटे मीठी छुरी,  गाँव पड़े लठमार

  


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 26, 2014 at 11:58am

दोहे सामयिक हैं. इन्हें ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर के तौर पर साझा किया हूँ. सामाजिक होने के कारण प्रभावित होना लाजिमी ही है. लेकिन किसी व्यक्ति विशेष या किसी राजनीतिक दल विशेष के खिलाफ़ इन्हें उद्बोधन न समझा जाय.

इस हिसाब से आप सभीका अनुमोदन आश्वस्तकारी है.

सादर धन्यवाद

Comment by Dr Ashutosh Mishra on March 25, 2014 at 5:31pm

दर्शक भौंचक हो रहे, देख पात्र के टेक 
उठा-पटक तो मंच पर, पर्दा पीछे एक   आदरनी य सौरभ सर ..बेहद रुचिकर दोहे ..वर्तमान संदभो पर बिलकुल फिट बैठते हैं ..ये दोहा तो मुझे बहद भाया ..तहे दिल बधायी और सादर प्रणाम के साथ 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"  जी, आदरणीया प्रतिभा जी.  हम सभी आप जैसे संवेदनशील सदस्यों की संलग्नता और इनकी सतत…"
6 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके संकल्प और आपकी सहमति का स्वागत है, आदरणीय रवि भाईजी.  ओबीओ अपने पुराने वरिष्ठ सदस्यों की…"
8 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मुझे लगता है कि जो भी चर्चा हो उसमें कोई ऐसा आक्षेप न आए जो किसी ऐसे व्यक्ति को आहत करे जो सीधे…"
25 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
44 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. गिरिराज जी "
45 minutes ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"सादर नमस्कार। नियमित सहभागी साथियों की रचना पटल पर उपस्थिति और प्रतिक्रिया से दिल ख़ुश हो जाता है।…"
51 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"आ. भाई शेख शहजाद जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
55 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"आदाब। रचना पटल पर उपस्थिति और प्रोत्साहन हेतु तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीया कल्पना भट्ट जी।…"
1 hour ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"शहज़ाद भाई, हिन्दू-मुस्लिम न लिखकर कोई प्रतीक का प्रयोग किया जा सकता है? मार्मिक लघुकथा हुई है। बधाई…"
1 hour ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"कश्मीर के लोगों की पीड़ा नहीं है यह अपितु इस स्थिति से गुज़र रहे हर वो देश है जहाँ लगतार युध्द की…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सादर अभिवादन। आप जैसे सभी वरिष्ठो का स्नेहपूरण मार्गदर्शन पुनः मिलता रहे यही आकांक्षा है। "
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service