For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मोती  सी बूंदे सजल, प्रकट करे मन भाव, 
अश्क छलकते कह रहे, देख ह्रदय के घाव |
 
अश्को में पानी भरा, समझो इसका मोल  
जिसके नैनन जल दिखे,उसका ह्रदय टटोल, 
 
देखों शिशु के पास में, आँसू ही हथियार 
देख बिलगता भूख से, दूध मिले हर बार   
 
पानी पानी वह हुई, आयी जब भी लाज
पानी से ही लाज है, पानी से ही साज |
 
पनघट सब खाली हुए, खाली गगरी हाथ 
मेघ बरसते है नहीं, वर्षा के दिन आथ |   
 
चुल्लू भर पानी नहीं, मरने को भीं यार.
प्यासे ही मरने लगे,  पक्षी भी भरमार |
 
माटी में बूंदे पड़ी, चिन्हित दीखे राह,
राही को राहत मिले, देख मार्ग की थाह ।
 
पानी जिसका मर गया, रहे न उसका मान,
बिन पानी सब सून है,  कहते संत बखान ।
.
(मौलिक व प्रकाशित)
लक्ष्मण रामानुज लडीवाला 

Views: 439

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 18, 2014 at 5:11pm

दोहे पसंद कर सरहाने के लिए आपका बहुत बहुत आभार श्री जितेन्द्र "गीत" भाई 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 18, 2014 at 5:11pm

दोहे पसंद करने के लिए धन्यवाद श्री सोमेश कुमार जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 18, 2014 at 5:10pm

दोहे सराहने के लिए आपका अतिशय आभार आद. डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी, और डॉ विजय शंकर जी 

सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 18, 2014 at 5:09pm

दोहे पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार श्री हरिवल्लभ शर्मा जी 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 16, 2014 at 7:59am

'बिन पानी सब सून' को बखूबी स्पष्ट करते आपकी दोहावली, बहुत ही सुंदर लगी आदरणीय लक्ष्मण जी. सादर नमन व् आपको हार्दिक बधाई

Comment by somesh kumar on October 15, 2014 at 11:26pm

सुंदर और सार्थक दोहे |

Comment by Dr. Vijai Shanker on October 15, 2014 at 7:58pm
पानी पानी वह हुई, आयी जब भी लाज
पानी से ही लाज है, पानी से ही साज |
सभी दोहे बहुत सुन्दर और अच्छे है , बधाई आदरणीय लक्षमण रामानुज लडीवाला जी ,
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on October 15, 2014 at 6:27pm
पानी पानी वह हुई, आयी जब भी लाज
पानी से ही लाज है, पानी से ही साज---------------- लडीवाला जी बहुत अच्छे दोहे  1
Comment by harivallabh sharma on October 15, 2014 at 5:01pm

बहुत सुन्दर प्रेरक दोहे...सभी एक से बढ़कर एक..बधाई आपको आदरणीय लक्ष्मण रामानुज लडीवाल साहब.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई भिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service