For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्यार पर चंद क्षणिकाएँ : .......(. 500 वीं प्रस्तुति )

प्यार पर चंद क्षणिकाएँ : .......(. 500 वीं प्रस्तुति )

प्यार
सृष्टि का
अनुपम उपहार

प्यार
जीत गर्भ में
हार

प्यार
तिमिर पलों का
शरमीला स्वीकार

प्यार
अंतस उदगारों का
अमिट शृंगार

प्यार
यथार्थ का
स्वप्निल
अलंकार

प्यार
नैन नैन का
मधुर अभिसार

प्यार
यौवन रुत की
लजीली झंकार

प्यार
बिम्बों का
संसार

प्यार
कभी जीत
कभी हार

प्यार
प्रतीक्षा का
उपहार

प्यार
तृषा तृप्ति और
स्वीकार

प्यार
चाहतों की नाद
जीवन की
बहार

प्यार
रोम रोम में गुंजित
अकथ भाव का
स्वराधार


सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 733

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on November 13, 2019 at 7:41pm

आदरणीया  vijay nikoreजी , सृजन आपकी आत्मीय प्रशंसा का दिल से आभार।

Comment by vijay nikore on November 5, 2019 at 7:33pm

बहुत ही सुन्दर क्षणिकाएँ लिखीं। हार्दिक बधाई, मित्र सुशील जी।

Comment by Sushil Sarna on November 5, 2019 at 4:42pm

दरणीया शेख़ उस्मानी साहिब , आदाब। . सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है ।

Comment by Sushil Sarna on November 5, 2019 at 4:41pm

आदरणीया सुरेन्द्र नाथ जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है ।

Comment by नाथ सोनांचली on November 1, 2019 at 1:20pm

आद0 सुशील सरना जी सादर अभिवादन। 500वी क्षणिकाएँ,, वाह वाह। इस कामयाबी पर आपको मुबारकबाद। यह क्षणिका भी बेहतरीन। 

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 31, 2019 at 10:47pm

अर्धसहस्त्रीय-रचना पोस्ट/भावपूर्ण सटीक, सार्थक व सारगर्भित क्षणिकाओं के लिए बहुत-बहुत बधाई आदरणीय सुशील सरना साहिब।

Comment by Sushil Sarna on October 29, 2019 at 2:15pm

आदरणीय ऊषा जी सृजन के भावों को आत्मीय सम्मान से अलंकृत करने का तहे दिल से शुक्रिया।

Comment by Usha on October 29, 2019 at 12:42pm

आदरणीय श्री सुशील सरना जी, अति सुन्दर । सरल, सौम्य व् हृदय के उस अहसास का सुन्दर चित्रण जो प्रत्येक व्यक्ति कुछ इसी प्रकार करता होगा किन्तु इतनी खूबसूरती से इन्हे प्रस्तुत करने के लिये बधाई स्वीकार करें सर। सादर।

Comment by Sushil Sarna on October 28, 2019 at 6:39pm

आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब ... सृजन पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का तहे दिल से शुक्रिया। 

Comment by Samar kabeer on October 28, 2019 at 3:53pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब,पहले तो 500 वीं प्रस्तुति के लिए बधाई ।

उम्द: क्षणिकाएँ लिखी हैं आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)

1222 1222 122-------------------------------जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी मेंवो फ़्यूचर खोजता है लॉटरी…See More
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सच-झूठ

दोहे सप्तक . . . . . सच-झूठअभिव्यक्ति सच की लगे, जैसे नंगा तार ।सफल वही जो झूठ का, करता है व्यापार…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

बालगीत : मिथिलेश वामनकर

बुआ का रिबनबुआ बांधे रिबन गुलाबीलगता वही अकल की चाबीरिबन बुआ ने बांधी कालीकरती बालों की रखवालीरिबन…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आदरणीय सुशील सरना जी, बहुत बढ़िया दोहावली। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर रिश्तों के प्रसून…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रस्तुति की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. यहाँ नियमित उत्सव…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, व्यंजनाएँ अक्सर काम कर जाती हैं. आपकी सराहना से प्रस्तुति सार्थक…"
Sunday
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सूक्ष्म व विशद समीक्षा से प्रयास सार्थक हुआ आदरणीय सौरभ सर जी। मेरी प्रस्तुति को आपने जो मान…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सम्मति, सहमति का हार्दिक आभार, आदरणीय मिथिलेश भाई... "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार सर।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति, स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत आभार।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ सर, आपकी टिप्पणियां हम अन्य अभ्यासियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होती रही है। इस…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार सर।"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service