For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्या कहूँ .................. ( अन्नपूर्णा )

क्या कहूँ ...............

 

आहत मन की व्यथा

कैसे सुनाऊँ.................

मन की व्याकुलता 

अश्रु और व्याकुलता

साथी है परस्पर

आकुल होकर आँख भी

जब छलक जाती है

गरम अश्रुओं का लावा

कपोलों को झुलसा जाता है

न जाने कब कैसे ...................

पीर आँखों की राह

चल पड़ती है बिना कुछ कहे

आकुल मन बस यूं ही

तकता रह जाता है

भाव विहीन होकर भी

भाव पूर्ण बन जाता है जब

जिह्वा सुन्न हो जाती है तब

न जाने कब कैसे .........................

कुछ आरोपों की पोटली

फिर खुल गई

मन ने आरोपित किया

आँख को ,

फिर भर आई शायद

मन और आँख

साथी हैं परस्पर

क्या कहूँ .......................... अन्नपूर्णा बाजपेई

अप्रकाशित एवं मौलिक 

 

 

 

 

Views: 938

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on October 23, 2013 at 7:33am

बहुत ही सुन्दर भाव हैं। बधाई।

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 23, 2013 at 1:44am

बहुत सुंदर भाव, पूर्णत: स्पष्ट, बधाई स्वीकारें आदरणीया अन्नपूर्णा जी

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 22, 2013 at 7:20pm

आदरणीया अन्नपूर्णा जी! सादर प्रणाम!-------

//मन ने आरोपित किया

आँख को ,

फिर भर आई शायद

मन और आँख

साथी हैं परस्पर

क्या कहूँ ...//

.....बहुत ही सौम्य सुन्दर। हार्दिक बधार्इ स्वीकार करे। सादर,

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on October 22, 2013 at 7:03pm

बहुत ही सुन्दर और गहन अभिव्यक्ति के लिए बधाई स्वीकारें आदरणीया

Comment by annapurna bajpai on October 22, 2013 at 1:07pm

आदरणीय अभिनव अरुण जी , गिरिराज भंडरी जी आपका हार्दिक आभार । 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 22, 2013 at 8:27am

आदरणीया अन्नपूरणा जी बहुत सुन्दर भाव पूर्ण कहन आपकी , सच है आंखो का सीधा सम्बन्ध हर भावों से है !!!! आपको बधाई !!!!

Comment by Abhinav Arun on October 22, 2013 at 7:41am

मन और आँख

साथी हैं परस्पर

क्या कहूँ ..........................सुन्दर सृजन , भावपूर्ण ...हार्दिक बधाई आ. अन्नपूर्णा जी !

Comment by annapurna bajpai on October 21, 2013 at 11:03pm

प्रिय गीतिका रचना का भाव पसंद आया , बहुत आभार । 

Comment by annapurna bajpai on October 21, 2013 at 11:02pm

आदरणीय डॉ सैनी जी आपका हार्दिक आभार । 

Comment by वेदिका on October 21, 2013 at 9:45pm

मन और आंखे वाकई ही तो पूरक है एक दूसरे के| मन मे खुशी होती है तो आंखो की चमक कुछ और ही रहती है| लेकिन जब यही  मन आहत  होता है तो आंखे आँसू दुलका कर अपना दुख व्यक्त करती हैं| आहत मन की वेदना को आपने बखूबी शब्दों मे ढाला है| 

गरम अश्रुओं का लावा

कपोलों को झुलसा जाता है  .... भावुकता से भरपूर 

बधाई !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
15 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
15 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
16 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service