For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैं एक हिंदुस्तानी औरत हूँ - परी ऍम. 'श्लोक'

आदमी क्या खूब कोशिश करते हैं
गम मिटाने के लिए...
ले कर जाम हाथों में अपने
रोज़ कहते हैं
कि वो टूटे हैं बिखरे हैं बेहाल बेहद हैं
रोज़ कहते हैं
करता हूँ नशा सबकुछ भूल जाने के लिए
फूंकता हूँ सिगरेट हर फ़िक्र धुंए में उड़ाने के लिए
सोचती हूँ कि
कितनी तरकीब हैं आदमी के पास
अपने आपको सुकून पहुँचाने के लिए
मगर
मेरे पास अपने दर्द में असीर रहने के सिवा
कोई राह राहत की नज़र नहीं आती
मैं ये शौक भी अता नहीं फरमा सकती
हाँ! मुझे अक्सर ये याद रहता है
कि मैं एक हिंदुस्तानी औरत हूँ !!!

सर्वाधिकार सुरक्षित : परी ऍम.'श्लोक'

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 878

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pari M Shlok on February 25, 2015 at 10:21am
सभी गुनीजन मित्रो की टिप्पणी का स्वागत व बहुत बहुत आभार !!
Comment by Hari Prakash Dubey on February 25, 2015 at 10:14am

आदरणीया परी ऍम. 'श्लोक' जी सुन्दर रचना, हार्दिक बधाई आपको ,सादर !


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 25, 2015 at 1:39am

आदरणीया परी जी इस सुन्दर रचना पर बहुत बहुत बधाई

Comment by ajay sharma on February 24, 2015 at 10:23pm

bahut sateek , bebak ,,,bilkul saaf -ssaf pesh ki hai apne ik aam hindustani aurat ka dard aur uski becharigi ... 

Comment by maharshi tripathi on February 24, 2015 at 10:17pm

आ.पारी एम जी ,,,,सुन्दर रचना हेतु आपको बधाई ,,,,,,

Comment by Pari M Shlok on February 24, 2015 at 12:43pm
आपका बेहद शुक्रिया ...Shyam Narain Verma जी
Comment by Shyam Narain Verma on February 24, 2015 at 12:41pm
आपकी इस सुंदर प्रस्तुति पर सादर बधाई
Comment by Pari M Shlok on February 24, 2015 at 12:17pm
बेहद आभारी हूँ आपकी ..डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी !!
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on February 24, 2015 at 12:12pm

आ 0 परी ऍम.'श्लोक' जी

बहुत सुन्दर नजरिया आपने पेश किया  i आपको बधाई i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)

1222 1222 122-------------------------------जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी मेंवो फ़्यूचर खोजता है लॉटरी…See More
13 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सच-झूठ

दोहे सप्तक . . . . . सच-झूठअभिव्यक्ति सच की लगे, जैसे नंगा तार ।सफल वही जो झूठ का, करता है व्यापार…See More
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

बालगीत : मिथिलेश वामनकर

बुआ का रिबनबुआ बांधे रिबन गुलाबीलगता वही अकल की चाबीरिबन बुआ ने बांधी कालीकरती बालों की रखवालीरिबन…See More
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आदरणीय सुशील सरना जी, बहुत बढ़िया दोहावली। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर रिश्तों के प्रसून…"
13 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रस्तुति की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. यहाँ नियमित उत्सव…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, व्यंजनाएँ अक्सर काम कर जाती हैं. आपकी सराहना से प्रस्तुति सार्थक…"
yesterday
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सूक्ष्म व विशद समीक्षा से प्रयास सार्थक हुआ आदरणीय सौरभ सर जी। मेरी प्रस्तुति को आपने जो मान…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सम्मति, सहमति का हार्दिक आभार, आदरणीय मिथिलेश भाई... "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार सर।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति, स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ सर, आपकी टिप्पणियां हम अन्य अभ्यासियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होती रही है। इस…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार सर।"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service