For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल -उसका दावा है कि वो भटका नहीं है -- ( गिरिराज भंडारी )

2122   2122    2122

बात कहने का सही लहज़ा नहीं है

या जो रिश्ता था कभी, वैसा नहीं है

 

वो ये कह लें, उनमें तो धोखा नहीं है

पर हक़ीकत है, उन्हें मौक़ा नहीं है

 

गर दशानन आज भी है आदमी में

औरतों में क्या कहीं सुरसा नहीं है ?

 

जो न चल पाया कभी इक गाम अब तक

उसका दावा है कि वो भटका नहीं है

 

ज़ुर्म की गंगा सियासत से है निकली

लाख कह लें, वो कि सच ऐसा नहीं है

 

योजनायें उच्च –निम्नों के लिये हैं

मध्यमों का तो कहीं चर्चा नहीं है

 

वो तवाफ़-ए-ग़ैर को निकला है शायद

मेरा ‘ मैं ’ मुझमें कभी रहता नहीं है

**********************************

मौलिक एवँ अप्रकाशित

Views: 917

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on January 4, 2017 at 10:13pm
क्या खूब क्या खूब आदरणीय
Comment by Samar kabeer on January 4, 2017 at 8:55pm
मेरे कहे को मान देने के लिये धन्यवाद ।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on January 4, 2017 at 8:43pm
बढ़िया ग़ज़ल हुई है आदरणीय गिरिराज सर जी । हार्दिक बधाई ।
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 4, 2017 at 8:09pm

आ० अनुज , बहुत बढ़िया . आ० समर साहिब ने बढ़िया सलाह दी . सादर .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 4, 2017 at 5:29pm

आदरणीय समर भाई ,  आपका पुनः आभार --  आपकी सलाह के अनुसार मिसरा ऐसे कर लिया हूँ --
या जो रिश्ता था कभी,वैसा नहीं है' 

मंच मे भी सुधार कर लूँगा ....


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 4, 2017 at 5:27pm

आदरनीय तस्दीक भाई , गज़ल पर शिर्कत और सुखन नवाज़ी के लिये आपका शुक्रिया ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 4, 2017 at 5:27pm

आदरनीय तस्दीक भाई , गज़ल पर शिर्कत और सुखन नवाज़ी के लिये आपका शुक्रिया ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 4, 2017 at 5:26pm

आदरनीय सुरेश भाई , हौसला अफज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया आपका ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 4, 2017 at 5:26pm

आदरणीय महेन्द्र भाई , गज़ल की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 4, 2017 at 5:26pm

आदरणीय महेन्द्र भाई , गज़ल की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। रोटी पर अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आदाब।‌ हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब। आपकी उपस्थिति और…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं , हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रेरणादायी छंद हुआ है। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आ. भाई शेख सहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर और प्रेरणादायक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
yesterday
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Thursday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service