For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

'ईको-फ्रेंडली प्रकाश-मित्र' [कुछ हाइकु]

कुछ  'दीवाली-हाइकु' :

 

1-

दिल्ली-दीवाली

(दिली-दीवाली)
दीपक-दिलवाली
ईको-फ्रेंडली

2-

कुम्हार-कला
मिट्टी, भावों से खिला
ये दीपोत्सव

3-

प्रज्जवलित
दीप कुम्हार वाले
सीप के मोती

4-

सीप का मोती
दीवाली-महोत्सव
रिश्तों की खेती

5-

मानवीयता
दानवीयता परे
दीवाली भरे

6-

दिव्य-दीवाली
दशा-दिशा निमित्त
दीप-चरित्र

7-

दीप-चरित्र
माटी-तेल व बाती
प्रकाश-मित्र

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 652

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 11, 2018 at 12:11pm

 मेरे ब्लॉग--पटल पर नियमित पाठक रूपेण समय देकर रचनाओं के अनुमोदन और मेरी हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब  बृजेश कुमार 'ब्रज' साहिब। समालोचनाओं और 

मार्गदर्शन की भी ग़ुज़ारिश है।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 11, 2018 at 12:09pm

मेरे ब्लॉग--पटल पर नियमित पाठक रूपेण समय देकर रचनाओं के अनुमोदन और मेरी हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब  बृजेश कुमार 'ब्रज' साहिब। समालोचना और मार्गदर्शन की भी 

गुज़ारिश है। क्षमा करें शायद अभी अभी धोखे से आपकी टिप्पणी डिलीट हो गई मेरी जवाबी टिप्पणी एडिट करते समय।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 6, 2018 at 4:06pm

आदाब। आपके अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई से हाइकु अभ्यास भी यूं कर लिया करता हूं। तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब समर कबीर साहिब।

Comment by Samar kabeer on November 6, 2018 at 11:16am

जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,दीवाली के मौक़े पर बहुत उम्दा हाइकू हुए हैं,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 6, 2018 at 4:16am

रचनाओं पर समय देकर अनुमोदन और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब।

Comment by TEJ VEER SINGH on November 5, 2018 at 7:56pm

हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मानी साहब जी।बेहतरीन हाइकू।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 5, 2018 at 7:07pm

रचनाओं पर समय देकर हौसला अफ़ज़ाई हेतु हार्दिक आभार आदरणीया नीलम उपाध्याय साहिबा। दीपोत्सव पखवाड़े पर आप सभी को हार्दिक बधाइयां और शुभकामनाएं।

Comment by Neelam Upadhyaya on November 5, 2018 at 12:24pm

आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, दीवाली के अवसर के अनुरूप बहुत ही बढ़िया हाइकू की रचना हुई है।  हार्दिक बढ़ायी स्वीकार करें। 

"दीप-चरित्र
 माटी-तेल व बाती
 प्रकाश-मित्र"

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' posted a blog post

गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा

सार छंद 16,12 पे यति, अंत में गागाअर्थ प्रेम का है इस जग मेंआँसू और जुदाईआह बुरा हो कृष्ण…See More
Thursday
Deepak Kumar Goyal is now a member of Open Books Online
Thursday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
Wednesday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
Wednesday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"अपने शब्दों से हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय बृजेश जी           …"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहेदुश्मनी हम से हमारे यार भी करते रहे....वाह वाह आदरणीय नीलेश…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आदरणीय अजय जी किसानों के संघर्ष को चित्रित करती एक बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी एक और खूबसूरत ग़ज़ल से रूबरू करवाने के लिए आपका आभार।    हरेक शेर…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय भंडारी जी बहुत ही खूब ग़ज़ल कही है सादर बधाई। दूसरे शेर के ऊला को ऐसे कहें तो "समय की धार…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय रवि शुक्ला जी रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन और आभार। लॉगिन पासवर्ड भूल जाने के कारण इतनी…"
Wednesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
May 31
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"अनेक-अनेक आभार आदरणीय शेख़ उस्मानी जी। आप सब के सान्निध्य में रहते हुए आप सब से जब ऐसे उत्साहवर्धक…"
May 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service