For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

'ईको-फ्रेंडली प्रकाश-मित्र' [कुछ हाइकु]

कुछ  'दीवाली-हाइकु' :

 

1-

दिल्ली-दीवाली

(दिली-दीवाली)
दीपक-दिलवाली
ईको-फ्रेंडली

2-

कुम्हार-कला
मिट्टी, भावों से खिला
ये दीपोत्सव

3-

प्रज्जवलित
दीप कुम्हार वाले
सीप के मोती

4-

सीप का मोती
दीवाली-महोत्सव
रिश्तों की खेती

5-

मानवीयता
दानवीयता परे
दीवाली भरे

6-

दिव्य-दीवाली
दशा-दिशा निमित्त
दीप-चरित्र

7-

दीप-चरित्र
माटी-तेल व बाती
प्रकाश-मित्र

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 673

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 11, 2018 at 12:11pm

 मेरे ब्लॉग--पटल पर नियमित पाठक रूपेण समय देकर रचनाओं के अनुमोदन और मेरी हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब  बृजेश कुमार 'ब्रज' साहिब। समालोचनाओं और 

मार्गदर्शन की भी ग़ुज़ारिश है।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 11, 2018 at 12:09pm

मेरे ब्लॉग--पटल पर नियमित पाठक रूपेण समय देकर रचनाओं के अनुमोदन और मेरी हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब  बृजेश कुमार 'ब्रज' साहिब। समालोचना और मार्गदर्शन की भी 

गुज़ारिश है। क्षमा करें शायद अभी अभी धोखे से आपकी टिप्पणी डिलीट हो गई मेरी जवाबी टिप्पणी एडिट करते समय।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 6, 2018 at 4:06pm

आदाब। आपके अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई से हाइकु अभ्यास भी यूं कर लिया करता हूं। तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब समर कबीर साहिब।

Comment by Samar kabeer on November 6, 2018 at 11:16am

जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,दीवाली के मौक़े पर बहुत उम्दा हाइकू हुए हैं,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 6, 2018 at 4:16am

रचनाओं पर समय देकर अनुमोदन और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब।

Comment by TEJ VEER SINGH on November 5, 2018 at 7:56pm

हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मानी साहब जी।बेहतरीन हाइकू।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 5, 2018 at 7:07pm

रचनाओं पर समय देकर हौसला अफ़ज़ाई हेतु हार्दिक आभार आदरणीया नीलम उपाध्याय साहिबा। दीपोत्सव पखवाड़े पर आप सभी को हार्दिक बधाइयां और शुभकामनाएं।

Comment by Neelam Upadhyaya on November 5, 2018 at 12:24pm

आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, दीवाली के अवसर के अनुरूप बहुत ही बढ़िया हाइकू की रचना हुई है।  हार्दिक बढ़ायी स्वीकार करें। 

"दीप-चरित्र
 माटी-तेल व बाती
 प्रकाश-मित्र"

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आ, मेदानी जी, कृपया देखेंकि आपके मतल'अ में स्वर ' उका' की क़ैद हो गयी है, अत:…"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ग़ज़ल में कुछ दोष आदरणीय अजय गुप्ता जी नें अपनी टिप्पणी में बताये। उन्हे ठीक कर ग़ज़ल पुन: पोस्ट कर…"
8 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय निलेश नूर जी, आपकी ग़ज़ल का मैं सदैव प्रशंसक रहा हूँ। यह ग़ज़ल भी प्रशंसनीय है किंतु दूसरे…"
9 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय अजय गुप्ता अजेय जी, पोस्ट पर आने और सुझाव देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। बशर शब्द का प्रयोग…"
9 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्ते ऋचा जी, अच्छी ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई। अच्छे भाव और शब्दों से सजे अशआर हैं। पर यह भी है कि…"
11 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय दयाराम जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई आपको  अच्छे मतले से ग़ज़ल की शुरुआत के लिए…"
11 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"रास्ता  घर  का  दूसरा  तो  नहीं  जीना मरना अलग हुआ तो…"
11 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"2122 1212 22 दिल को पत्थर बना दिया तो नहीं  वो किसी याद का किला तो नहीं 1 कुछ नशा रात मुझपे…"
14 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ग़ज़ल अंत आतंक का हुआ तो नहींखून बहना अभी रुका तो नहीं आग फैली गली गली लेकिन सिर फिरा कोई भी नपा तो…"
14 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार नीलेश भाई, एक शानदार ग़ज़ल के लिए बहुत बधाई। कुछ शेर बहुत हसीन और दमदार हुए…"
16 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार जयहिंद रायपुरी जी, ग़ज़ल पर अच्छा प्रयास हुआ है। //ज़ेह्न कुछ और कहता और ही दिलकोई अंदर मेरे…"
16 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ज़िन्दगी जी के कुछ मिला तो नहीं मौत आगे का रास्ता तो नहीं. . मेरे अन्दर ही वो बसा तो नहीं मैंने…"
17 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service