For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गज़ल -11( बज गई है डुगडुगी बस अब तमाशा देखिये)

2122 2122 2122 212

बज गई है डुगडुगी बस अब तमाशा देखिये

अब यहाँ फूटेगा बातों का बताशा देखिये//१

संग नेता के कुलाचें भर रही जो भीड़ ये

घर पहुंचकर इसके जीवन की हताशा देखिये //२

हर गली हर मोड़ पे भूखों की लंबी फ़ौज़ है

बज रहा है खूब अच्छे दिन का ताशा देखिये //३

ज़ुल्म का तूफ़ां कभी ठहरा नहीं है देर तक

हर नज़र में है यही मज़बूत आशा देखिये//४

सामने सागर है इसको है पता कुछ भी नहीं

भागता घोड़े पे चढ़कर बेतहाशा देखिये //५

-- क़मर जौनपुरी

Views: 788

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by क़मर जौनपुरी on December 2, 2018 at 9:29am
शुक्रिया मोहतरम
Comment by Samar kabeer on December 2, 2018 at 8:41am

'  अब यहां फूटेगा बातों का बताशा देखिये'

ये मिसरा ठीक है ।

Comment by क़मर जौनपुरी on December 2, 2018 at 8:33am

बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरम समर कबीर साहब इतनी बारीकी से इस्लाह करने के लिए।

अगर यहाँ यह मिसरा रख रख दिया जाए तो कैसा रहेगा-

"अब यहां फूटेगा बातों का बताशा देखिये'।

Comment by Samar kabeer on December 1, 2018 at 8:04pm

"पासा" क़ाफ़िया ग़लत हो जाएगा,"शा"की बंदिश है न?

Comment by क़मर जौनपुरी on December 1, 2018 at 5:13pm

जनाब राज़ साहब और जनाब मो. आरिफ साहब आप दोनों का ग़ज़ल में शिरकत करने और हौसला आफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया।

Comment by क़मर जौनपुरी on December 1, 2018 at 5:12pm

इस्लाह के लिए बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरम जनाब समर कबीर साहब।

पासा लिखना था ग़लती से पाशा लिखा गया है। "पासा फेंकना" के अर्थ में।

जादुगर में सोचा दु पर मात्रा गिराने से काम चल जाएगा। मिसरे को गद्यात्मक रखने का प्रयास किया था। आप का बताया हुआ मिसरा ज़ेहन में नहीं आया था।

Comment by Samar kabeer on December 1, 2018 at 2:53pm

जनाब क़मर जौनपुरी साहिब आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।

'  जादुगर फेंका है जुमले का ये पाशा देखिये'

इस मिसरे में "पाशा" शब्द का क्या अर्थ लिया है आपने,दूसरी बात ये कि 'जादूगर' शब्द को आपने वज़्न पूरा करने के लिए "जादुगर" लिखा है,ये मिसरा यूँ भी कह सकते थे:-

'फेंका जादूगर ने है जुमले का पाशा देखिये'

Comment by राज़ नवादवी on December 1, 2018 at 11:02am

आदरणीय क़मर जौनपुरी जी आदाब, सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति पे हार्दिक बधाई. सादर 

Comment by Mohammed Arif on November 30, 2018 at 1:22pm

आदरणीय क़मर जौनपुरी जी आदाब,

                       बहुत ही उम्दा शे'रों से सुसज्जित ग़ज़ल । दिली मुबारकबाद कुबूल करें । बाक़ी गुणीजन अपनी राय देंगे ।

Comment by क़मर जौनपुरी on November 30, 2018 at 10:56am

बहुत बहुत शुक्रिया जनाब शेख़ शहज़ाद उस्मानी साहब ग़ज़ल में शिरकत के लिए और हौसला आफ़ज़ाई के लिए।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service