कहूँ आपसे क्या थकन की कहानी
न समझोगे गाफ़िल बदन की कहानी
बनाती है ज़र्रे को रोशन सितारा
लुभाती बहुत है लगन की कहानी
समझ लो य’ अश्कों का सावन निरख कर
लबों से कहूँ क्या नयन की कहानी
जली उँगलियों से ज़रा पूछ आओ
कहेंगे फफोले हवन की कहानी
हर इक गम को ढाला ग़ज़ल में मुसल्सल
है झूठी अदीबों ग़बन की कहानी
सुनाते मिलेंगे चहकते चहकते
कफ़स में परिंदे चमन की कहानी
किरन दर किरन सुनाओ फ़ज़ा को
वो ‘खुरशीद’ नीले गगन की कहानी
मौलिक व अप्रकाशित
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बहुत शनदार ग़ज़ल कही इन शेरो के लिए तो बारम्बार दाद
जली उँगलियों से ज़रा पूछ आओ
कहेंगे फफोले हवन की कहानी
हर इक गम को ढाला ग़ज़ल में मुसल्सल
है झूठी अदीबों ग़बन की कहानी
सुनाते मिलेंगे चहकते चहकते
कफ़स में परिंदे चमन की कहानी
तहे दिल से बधाई लीजिये आ० खुर्शीद भैय्या
आदरणीय मिथिलेश जी ,आदरणीय महर्षि त्रिपाठी जी ,आदरणीय हरिप्रकाश सर ,आप सभी के स्नेह का शुक्रगुजार हूं |सादर आभार |
आदरणीय गोपालनारायण सर ,आदरणीय गिरिराज सर ,आप जैसे महानुभवों का आशीर्वाद सदा बना रहे| आप द्वारा सुझाया मिसरा
किरन दर किरन अब सुनाओ फ़ज़ा को i .....भी काफ़ी अच्छा है , किंतु यह ग़ज़ल महीनों पहले लिखी हुई है तथा इसके मूल पाठ में मिसरा निम्नवत है ,इसलिय क्षमा प्रार्थना के साथ मिसरा कॉपी \पेस्ट कर रहा हूं |इस मंच पर टाइपिंग के समय 'फिर ' छूट गया था |
किरन दर किरन फिर सुनाओ फ़ज़ा को
वो ‘खुरशीद’ नीले गगन की कहानी
आपकी सजगता वंदनीय है |आशीर्वाद बनाये रखियेगा |सादर आभार
आदरणीय खुर्शीद खैरादी जी बहुत खूब..../ जली उँगलियों से ज़रा पूछ आओ
कहेंगे फफोले हवन की कहानी/ ..शानदार ग़ज़ल ,बधाई आपको ! सादर .
हर इक गम को ढाला ग़ज़ल में मुसल्सल
है झूठी अदीबों ग़बन की कहानी
सुनाते मिलेंगे चहकते चहकते
कफ़स में परिंदे चमन की कहानी
बहुत सुन्दर खुर्शीद जी ,,,,,,ये कुछ मिसरे मुझे खूब भाए ,,,,,आपको हार्दिक बधाई |
आदरणीय खुर्शीद भाई , रदीफ बहुत कठिन ले कर आपने सरलता से निबाह लिया है आपने !! पूरी गज़ल बेमिसाल है ॥ हार्दिक बधाइयाँ कुबूल करें ॥
किरन दर किरन सुनाओ फ़ज़ा को -- आदरणीय इस मिसरे मे शायद एक शब्द टाइप होना रहगया है । देख लीजियेगा ॥
आ० खुर्शीद जी
किरन दर किरन सुनाओ फ़ज़ा को------- मेरी तुच्छ मति में यह पंक्ति आपसे कुछ और समय चाहती है i यदि ऐसा हो --- किरन दर किरन अब सुनाओ फ़ज़ा को i सादर i
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