1222-1222-1222-1222
अगर दिल को अदब औ शायरी से प्यार हो जाए
तुम्हें भी इश्क की खुशबू का कुछ दीदार हो जाए //१
मचलते दिल की धड़कन में चुभे जब इश्क का कांटा ।
ख़ुदा से रूह का रिश्ता तभी बेदार हो जाये//२
खुदा की सारी रहमत इश्क़ के आँचल में रहती है
छुपा लो सर को आँचल में हसीं संसार हो जाए//३
फ़ना हो जाए दीवाना जुनूने इश्क़ की ख़ातिर
खुशी से चूमे सूली को ख़ुदा का यार हो जाए//४
ये दिल बेजान वीना की तरह खामोश रहता है
छुए जब यार की उंगली मधुर झंकार हो जाए//५
अज़ब हस्ती है उनकी इश्क की दौलत के मालिक हैं
निगाहें जब मिलाएँ वो हसीं त्यौहार हो जाए। //६
क़मर घर में छुपा बैठा अँधेरी रात से डरकर
वो सूरज बन के आ जाएं तो बेड़ा पार हो जाए//७
--क़मर जौनपुरी
(मौलिक अप्रकाशित)
Comment
मोहतरम जनाब समर कबीर साहब, जनाब तेजबीर साहब, जनाब श्याम नारायण वर्मा साहब और जनाब राहुल डांगी साहब।
बहुत बहुत शुक्रिया व आदाब सभी मोहतरम का हौसला आफ़ज़ाई के लिए।
बहुत सुन्दर
जनाब क़मर जौनपुरी जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।
हार्दिक बधाई आदरणीय क़मर जौनपुरी जी।बेहतरीन गज़ल।
अज़ब हस्ती है उनकी इश्क की दौलत के मालिक हैं
निगाहें जब मिलाएँ वो हसीं त्यौहार हो जाए। //६
आदरणीय क़मर जौनपुरी जी , इस खूबसूरत रचना की हार्दिक बधाई | सादर
बहुत बहुत शुक्रिया जनाब राज़ नवादवी साहब हौसला आफ़ज़ाई के लिए।
आदरणीय क़मर जौनपुरी साहब, आदाब. सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति के लिए दाद के साथ मुबारकबाद. सादर
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