For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कविता--कश्मीर अभी ज़िंदा है भाग-2

कश्मीर अभी ज़िंदा है आँसू गैस में
डल झील की बर्फ में फैले ख़ून में
जवान बेटे की मौत पर दहाड़े मारती माँ में
ईद की खुशियों में शामिल होते मातम में
जवान बेटों के अगवा होने में
आतंकियों के दुष्कर्म में
कश्मीर अभी ज़िंदा है सीज़फायर उल्लंघन में
बर्फ की वादियों में ख़ून के कोहरे में
डरी सहमी , सिसकती रंगीन कालीनों में
गलियों , चौराहों से रोज़ गुज़रते जनाज़ों में
बंद खिड़की , दरवाज़ों से झाँकते मासूमों में
देश विरोधी तकरीरों में
कश्मीर अभी ज़िंदा है जलती सैन्य गाड़ियों में
अलगाववादी नेताओं में
बंद पड़े स्कूलों और कॉलेजों में
गोलियों से छलनी दीवारों में
खौलते हुए ख़ून से सने कफ़न में
हिंसा और ख़ून से नहाए लाल चौक में
कश्मीर अभी ज़िंदा है धमकी भरी बर्फीली हवाओं में
जेहाद की तालीम में
ख़ून की राजधानी पुंछ और नौशेरा सेक्टर में
विस्थापित पण्डितों की आँखों में

मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 762

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on July 13, 2018 at 9:58am

कश्मीर पर आपकी दोनों रचनाएँ अच्छी बनी हैं।हार्दिक बधाई।

Comment by नाथ सोनांचली on June 26, 2018 at 3:07pm

आद0 मोहम्मद आरिफ जी सादर। एक छोटा आशियाना बनाने में ऐसा व्यस्त हुआ कि समय ही नहीं निकल पा रहा था। पर अब पुनः सक्रिय हो गया हूँ। 

Comment by Mohammed Arif on June 25, 2018 at 9:00pm

हार्दिक आभार आदरणीय सुरेंद्रनाथ जी । आपकी उत्साहवर्धक टिप्पणी से लेखन सार्थक हो गया ।

                  लंबे अंतराल के बाद पटल पर हुज़ूर का आना.हुआ ।

Comment by नाथ सोनांचली on June 25, 2018 at 7:28pm
आद0 मोहम्मद आरिफ जी सादर अभिवादन। बेहद प्रभावी ढंग से आपने यह कविता लिखी आपने। कश्मीर के हालात के सच को बयां करती। बधाई देता हूँ इस उत्तम सृजन पर।
Comment by Mohammed Arif on June 23, 2018 at 9:03pm

बहुत-बहुत शुक्रिया आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब । आपकी टिप्पणी से लेखन सार्थक हो गया ।

Comment by Samar kabeer on June 22, 2018 at 5:54pm

जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,कश्मीर पर आपकी ये रचना भी प्रभावी हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Mohammed Arif on June 22, 2018 at 12:54pm

हार्दिक आभार आदरणीय बृज कुमार जी ।

Comment by Mohammed Arif on June 22, 2018 at 12:53pm

हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 22, 2018 at 11:33am

आदरणीय आरिफ जी बहुत ही सही चित्रण किया है आपने.. ये तय है पीढियां गुजर जाएँगी लेकिन कश्मीर था कश्मीर है और सदैव रहेगा..

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 22, 2018 at 5:44am

आ. भाई आरिफ जी, कश्मीर का दर्द बयाँ करती और टीस जगाती रचना के लिए हार्दिक बधाई ।

कश्मीर पर इतना ही कहूँगा-

मन्सा किसकी है भला, हो सुख में कश्मीर
केवल कुर्सी  पर सभी, साधे  हैं  नित तीर।।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
8 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
8 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
8 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
9 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
9 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
9 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद,  आज़ाद तमाम भाई ग़ज़ल को समय देने हेतु !"
9 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तिलक राज कपूर साहब,  आपका तह- ए- दिल आभारी हूँ कि आपने अपना अमूल्य समय देकर मेरी ग़ज़ल…"
9 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"जी आदरणीय गजेंद्र जी बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
9 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीया ऋचा जी ग़ज़ल पर आने और हौसला अफ़जाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
9 hours ago
Chetan Prakash commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय गिरिराज भंडारी जी । "छिपी है ज़िन्दगी मैं मौत हरदम वो छू लेगी अगर (…"
9 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service