Comment
..वो धीमे से मुस्कुराई ,फिर कहा ..
सच ही लिखा है, औरत की तकदीर जन्मों से यही है
.फिर भी एक कविता ऐसी लिख
जिसमें एक राजा हो एक रानी हो
दोनों की सुखद कहानी हो .
सपने तो अच्छे ही बुननें चाहियें
शायद कभी सच हो जाएँ !
वो वापस चली गई यह कहकर
फिर आउंगी ,लिख कर रखना राजा- रानी की कहानी
कभी तो सच होगी ?
जो मेनें अपनी बेटियों के लिए बुनी थी |
सरल शब्दों में एक भाव पूर्ण एवं ह्रदय स्पर्शी कविता .........बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें आदरणीय मोहिनी जी
अरविन्द भटनागर 'शेखर'
...खूबसूरत ..भावपूर्ण .. ह्रदय स्पर्शी ...बहुत शुभकामनायें और अभिवादन आ. मोहिनी जी !!
kya hahoo ......rachna ..kahoo ya fir jeewan ka sach .....aisa laga ki koi jiwan chitra chal raha ho ,,,,,,really touching ....................
आ0 मोहिनी जी माँ की कथा को सुन्दर कविता के रूप मे प्रस्तुत करने के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें ।
एक बेटी ही माँ को इस तरह याद कर सकती है। कहने को बेटी बेटे दोनों की वह माँ होती है, लेकिन माँ बेटी की सच्ची सहेली भी होती है। बधाई आ. मोहिनीजी इस सुंदर रचना के लिए।
बहुत बढ़िया आप की कविता ने दिल को झकझोर दिया "माँ" तो आखिर "माँ" है
बहुत बढ़िया रचना , बडे ही सुंदर भाव से, आपने एक बेटी की वेदनाओं को प्रस्तुत किया है, बहुत बहुत बधाई आदरणीया मोहिनी जी
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