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हे प्रभु ! मेरी स्वप्न  सुंदरी 

अब तो यथार्थ बन आ जाये 

उसको पाकर जीवन मे मेरा 

मन हर्षित, पुलकित हो जाए 

 

स्वेत वर्ण और केश स्वर्ण हो,

जो देखे चकरा जाये |

सुंदर, कोमल, मधुर, कर्णप्रिय

बोले तो मन भा जाये |

 

चले चाल सावन मयूर सी,

बल खा के इतरा जाये |

नयन मृगी से चक्षु हो दोनो,

मदिरा सा रस छलकाए  |

खिले फूल, फुलवारी आँगन, 

हल्का सा जो मुस्काए |

 

केश ढापते मुख को, जैसे

मेघ चन्द्र पे छा जाये |

फिर संवार उनको शर्माती,

जैसे कोई कली चटक जाये |

 

कर श्रृंगार जैसे वो निकले,

लगे कोई दुल्हन आये |

हृदय की वाणी चक्षु बोलते,

शीतलता चन्दन छाए |

 

अंग अंग में रंग भरा हो,

इन्द्रधनुष भी पछताए |

माथे पर यू गोल बिन्दु सा,

सूरज दूर नजर आये |

 

कर लिहाज यूं चले वो , जैसे 

दंबे पाँव निंदिया आये |

ऐसा रूप हो सुंदर उसका 

कोई न उस सम हो पाये |

 

 

हे प्रभु ! मेरी स्वप्न सुंदरी, 

अब तो यथार्थ बन आ जाये | 

 

Views: 859

Comment

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Comment by Lata R.Ojha on December 1, 2011 at 1:22pm

Waah Vikram ji ...bahut hi sundar bhaav abhivyakti :) aapki muraad poorn ho ,meri shubhkaamnaen :)

Comment by Vikram Srivastava on November 17, 2011 at 1:12pm

आदरणीय अंबरीश श्रीवास्तव जी.....धन्यवाद ...:)

 

Comment by Er. Ambarish Srivastava on November 17, 2011 at 12:04pm

इस खूबसूरत रचना के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई !

Comment by Vikram Srivastava on November 9, 2011 at 7:19pm

आदरणीय बागी जी एवं पूरे ओ बी ओ परिवार का बहुत बहुत शुक्रिया....स्वयं को बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ.....इस सम्मान का हक़दार हूँ या नहीं पता नहीं पर अब बनाने का प्रयास करूँगा.......परीक्षा के कारण देर से उत्तर कर पाया हूँ अतः क्षमा चाहूँगा......एक बार फिर से बहुत बहुत धन्यवाद....:)

Comment by guddo dadi on November 6, 2011 at 4:00pm

सुंदर भावमयी रचना

शुभ कामनाएँ

Comment by Sanjay Rajendraprasad Yadav on November 6, 2011 at 10:41am

बड़ी खूबसूरत रचना बधाई इस सुन्दर रचना हेतु ..............!!!!

Comment by Abhinav Arun on November 5, 2011 at 1:39pm

बहुत सुन्दर शब्द चित्र खींचा है इस काव्य रचना में | भाव पूर्ण इस रचना के लिए  बहुत  बधाई !!

Comment by Abhinav Arun on November 5, 2011 at 1:22pm

बहुत सुन्दर शब्द चित्र खींचा है इस काव्य रचना में | भाव पूर्ण इस रचना के लिए  बहुत  बधाई !!

Comment by Shanno Aggarwal on November 5, 2011 at 3:57am

बड़ी खूबसूरत रचना...

Comment by आशीष यादव on November 4, 2011 at 5:10pm

खुबसूरत ख्यालों की खुबसूरत रचना| चुनी  हुई उपमाएं अच्छे ढंग से रखी एवं सजाई गयी हैं| बधाई इस सुन्दर रचना हेतु|

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