For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ये आज का युवा हैं

आंधी हैं हवा हैं

बंधनों में क्या हैं

ये उफनता दरिया हैं  

किनारे तोड़ निकला हैं

मस्ती में मस्तमौला हैं

मुश्किल में हौसला हैं

अपनी पे आजाए तो जलजला हैं

ये आज का युवा हैं

 

कभी बेफिक्री का धुआँ हैं

कभी पानी का बुलबुला हैं

कभी संजीदगी से भरा हैं

ये आज का युवा हैं

पंखों को फडफडाता हैं

पेडों पे घोंसला बनाता है

अब की उड़ना ये चाहता हैं

दाव पे ज़िंदगी लगता हैं

हारा भी हैं

तो इसे जीतना भी आता हैं

जर्रे से अस्मा हो जाता हैं

ये आज का युवा हैं

 

कभी इश्क बोतलों में नशा हैं

कभी मै दिलजलो की दवा हैं

कभी प्यार अस्मा से बरसा हैं

जैसे खुदा की दुआ हैं

ये आज का युवा हैं

 

: शाशिप्रकाश सैनी 

Views: 502

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 6, 2012 at 7:23pm

हार्दिक आभार शशिजी.

 

Comment by shashiprakash saini on February 6, 2012 at 7:03pm
जी सौरभ जी आपकी बात का ध्यान रखूँगा
Comment by shashiprakash saini on February 6, 2012 at 6:56pm
धन्यवाद अविनाश जी
Comment by AVINASH S BAGDE on February 6, 2012 at 11:10am

कभी बेफिक्री का धुआँ हैं

कभी पानी का बुलबुला हैं

कभी संजीदगी से भरा हैं

ये आज का युवा हैं....achchhe se paribhashit karti hui ' aaz k yuwa ' ko.Saini sahab.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 6, 2012 at 4:31am

रचना के लिये बधाई. 

एक सामान्य अनुरोध, रचना को पोस्ट करने के पहले थोड़ा और माँज लिया जाय तो पढ़ने वालों को साथ लिये बहा जा सकता है.

 

Comment by shashiprakash saini on February 5, 2012 at 7:22pm

सराहना हेतु आभार  आशुतोष जी 

Comment by shashiprakash saini on February 5, 2012 at 7:21pm

सराहना हेतु आभार राज जी 

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on February 5, 2012 at 1:32pm

शशि भाई साहब कमाल कॆ भाव ,,,,,,,,,,,,,बधाई,,,,,,,,,,,,,,,,,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .इसरार

दोहा पंचक. . . .  इसरारलब से लब का फासला, दिल को नहीं कबूल ।उल्फत में चलते नहीं, अश्कों भरे उसूल…See More
30 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
23 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service