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है अर्ज़ जो तेरी मैं दूँगी उसे सुना,
हौले से मेरे कान में कहती है ये सबा;
*
अल्फ़ाज़ बहुत आसमाने दिल पर उमड़ रहे हैं,
कोई नहीं बरसता मगर बनकर मेरी दुआ;
*
देखी तेरी ख़ुदाई तेरी क़ायनात में,
माँगा था बस एक शख़्स को वो भी नहीं मिला;
*
तू मुफ़्त में जो दे रहा है ऐ दिले नादाँ,
देकर कोई भी क़ीमत हासिल नहीं वफ़ा;
*
बरसों से मैं सफ़र में ही मुब्तला रहा,
अब भी वहीं खड़ा हूँ जिस दिन था मैं चला;
*
मेरे गिर्दो पेश की हर शै पे तेरा नाम है,
ये शफ़क़ोशम्स और ये महताब, ये हवा;
*
‘वाहिद’ न जाने कब से, पत्थर थीं ये आँखें,
छू लीं तो हाथ भीग गए, भर गया गला;

******

मुब्तला - शामिल ; गिर्दो पेश - आसपास ; शफकोशम्स - किरणें और सूरज ;

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Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on March 23, 2012 at 3:59pm

सराहना के लिए आभारीहूँ लता जी! सादर,

Comment by Lata R.Ojha on March 23, 2012 at 2:55pm

बहुत  खूब  कहते   हैं  आप   संदीप  जी  ..

Comment by वीनस केसरी on March 23, 2012 at 2:27pm

भाई संदीप जी मुझे पिछले दिनों आपसे बहुत कुछ सीखने को मिला है
कोशिश कर रहा हूँ कि आपसे जो सीखा है उसे निभा सकूं
सादर

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on March 23, 2012 at 1:34pm

पुनश्चः आभार प्रकट करता हूँ वीनस जी! इस क्षेत्र में अभी आपसे पीछे हूँ आप मार्गदर्शक बने रहेंगे तो जानकारी और भी अद्यतन होती रहेगी| :))

Comment by वीनस केसरी on March 23, 2012 at 1:05pm

आपकी जानकारी को प्रणाम करता हूँ

सादर

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on March 23, 2012 at 12:48pm

मुश्किल अलफ़ाज़ के मायने दे देने से उर्दू की कम जानकारी रखने वालों को आसानी होती है| आपका आभार, :)

Comment by वीनस केसरी on March 23, 2012 at 12:35pm

बरसों से मैं सफ़र में ही मुब्तला रहा,
अब भी वहीं खड़ा हूँ जिस दिन था मैं चला;

वाह
आपने शब्दार्थ दे कर बड़ा सुन्दर काम किया है
धन्यावाद

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on March 12, 2012 at 1:06pm

शुक्रिया मनोज भाई, यहाँ आप कि उपस्थिति से अत्यंत हर्ष हो रहा है|

Comment by मनोज कुमार सिंह 'मयंक' on March 12, 2012 at 8:36am

बरसों से मैं सफर में ही मुब्तला रहा,

अब भी वहीँ खड़ा हूँ जिस दिन था मैं चला..वाह बहुत खूब..मुबारकबाद..

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on March 10, 2012 at 1:35pm

दाद के लिए शुक्रिया राज जी|

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