For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पिछली बातों को दुहराना बहुत जरूरी है|
कल को सब बातें बतलाना बहुत जरूरी है|
बहुत जरूरी है अपनी सब भूलों को लिखते जाना,
आशाओं के दीप जलाना बहुत जरूरी है|
बहुत जरूरी है दिखलाना अपने गौरव की झांकी|
श्वेद,रक्त के समझौते और आँखों से रिसता पानी|
अपराधों को सम्मुख लाना बहुत जरूरी है|
पिछली बातों को दुहराना बहुत जरूरी है|

Views: 535

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by मनोज कुमार सिंह 'मयंक' on March 13, 2012 at 8:19pm

प्रिय मित्र चातक जी,संतोष भाई,प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा जी,दिव्या बहन और महिमा जी आप लोगों की उत्साहपूर्ण टिप्पड़ियों से मेरा मनोबल बढा है,अतएव आप सभी का सस्नेह आभार|वन्देमातरम

Comment by MAHIMA SHREE on March 13, 2012 at 11:34am
अच्छी रचना मयंक जी बधाई
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 13, 2012 at 9:46am

बहुत जरूरी है  समाज को कुछ दे दिया जाये. मन में न रखा जाये  बहुत सुन्दर भाव पूर्ण अभिव्यक्ति. बधाई.

Comment by Chaatak on March 12, 2012 at 10:10pm

खूबसूरत उद्गारों का प्रकाश प्रस्तुत करने पर हार्दिक बधाई!

Comment by मनोज कुमार सिंह 'मयंक' on March 12, 2012 at 9:41pm

आभार संतोष भाई..और इस मंच पर आपका स्वागत है..जागरण की अपेक्षा यह मंच अधिक उत्साहित करने वाला है बस नवीनतम ब्ल्ग भी मुखपृष्ठ पर प्रदर्शित होने लगे तो और अच्छा हो जाय|

Comment by Santosh Kumar Singh on March 12, 2012 at 9:34pm

अब यहाँ पर भी रचनाये डालना शुरू करता हूँ ,..बहुत आभार संदीप भाई 

Comment by Santosh Kumar Singh on March 12, 2012 at 9:33pm

पिछली बातों को दोहराकर आगे बढ़ना बहुत जरूरी है 

गलतियाँ फिर न हो पायें ,यह सिखलाना बहुत जरूरी है 

.............बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति मनोज भाई ,..साधुवाद 

Comment by मनोज कुमार सिंह 'मयंक' on March 12, 2012 at 7:53pm

शुक्रिया आशीष भाई..इस मंच पर पहली बार नुमाया हो रहा हूँ...वह भी अपने प्रिय मित्र वाहिद जी के सहयोग से|आपका आभार|वंदे मातरम

Comment by आशीष यादव on March 12, 2012 at 7:45pm
एक अच्छी रचना। अच्छी सलाह। पढ़कर बहुत अच्छा लगा।
बधाई
Comment by मनोज कुमार सिंह 'मयंक' on March 12, 2012 at 7:23pm

आपका आभारी हूँ संदीप भाई...जो आपने मुझे एक उम्दा मंच प्रदान किया|वन्देमातरम

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
21 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service