पिछली बातों को दुहराना बहुत जरूरी है|
कल को सब बातें बतलाना बहुत जरूरी है|
बहुत जरूरी है अपनी सब भूलों को लिखते जाना,
आशाओं के दीप जलाना बहुत जरूरी है|
बहुत जरूरी है दिखलाना अपने गौरव की झांकी|
श्वेद,रक्त के समझौते और आँखों से रिसता पानी|
अपराधों को सम्मुख लाना बहुत जरूरी है|
पिछली बातों को दुहराना बहुत जरूरी है|
Comment
प्रिय मित्र चातक जी,संतोष भाई,प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा जी,दिव्या बहन और महिमा जी आप लोगों की उत्साहपूर्ण टिप्पड़ियों से मेरा मनोबल बढा है,अतएव आप सभी का सस्नेह आभार|वन्देमातरम
बहुत जरूरी है समाज को कुछ दे दिया जाये. मन में न रखा जाये बहुत सुन्दर भाव पूर्ण अभिव्यक्ति. बधाई.
खूबसूरत उद्गारों का प्रकाश प्रस्तुत करने पर हार्दिक बधाई!
आभार संतोष भाई..और इस मंच पर आपका स्वागत है..जागरण की अपेक्षा यह मंच अधिक उत्साहित करने वाला है बस नवीनतम ब्ल्ग भी मुखपृष्ठ पर प्रदर्शित होने लगे तो और अच्छा हो जाय|
अब यहाँ पर भी रचनाये डालना शुरू करता हूँ ,..बहुत आभार संदीप भाई
पिछली बातों को दोहराकर आगे बढ़ना बहुत जरूरी है
गलतियाँ फिर न हो पायें ,यह सिखलाना बहुत जरूरी है
.............बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति मनोज भाई ,..साधुवाद
शुक्रिया आशीष भाई..इस मंच पर पहली बार नुमाया हो रहा हूँ...वह भी अपने प्रिय मित्र वाहिद जी के सहयोग से|आपका आभार|वंदे मातरम
आपका आभारी हूँ संदीप भाई...जो आपने मुझे एक उम्दा मंच प्रदान किया|वन्देमातरम
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