For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 अहसास

श्वेत वसन में लिपटा जीवन

जन गण का सम्मान लिए !

चूसें रक्त सदा वे विचरें

कानून न उन पर हाथ धरे !!

 

भले दीखते ऊपर ही चंगे

जब मन को साफ रखे ना !

सजे सजाये फिर भी नंगे

घर पर साँप को माफ़ करे न !! 

 

तिलक लगाये मिश्री घोलें

कामुक छुप आघात  करें !

विनय न मानें हठ ही जानें

चाबुक पर ही नाच करें !!

 

ह्रदय समाये पर निंदा

शिशु, नारी का अपमान करें !

घर फोड़े लहू की होली खेलें

भिक्षु अनाथ पे वार करें !!

 

उपहास करें चिथड़ों में देखें !

इतिहास कहे मरू में वे तडपें  !!

 

अहसास करें -ईश ईश तब आह भरें !

मति ह्रास -कटे पर- अपने भी दें छोड़ उन्हें !!

 

भ्रमर कहें बंधुत्व शांति पर पीड़ा का जो ध्यान रखें !

भूकंप न छेड़े -धरती न फटे -तूफान भी कश्ती पार  करे !!

 

मन प्राण खिले अमरत्व मिले ईहा लिप्सा जब त्याग करें !

उन्मुक्त फिरें बिगड़ी भी बने मुस्कान ही तृप्ति -प्यार मिले !!

भ्रमर5

Views: 608

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 18, 2012 at 11:48pm

आदरणीय दीपक शर्मा कुल्लवी जी आप इस देव नगरी कुल्लू से हैं मित्र के रूप में पा और प्रोत्साहन पा बड़ी ख़ुशी हुयी यों तो हम तो ठहरे परदेसी लेकिन आप की वादियों में हैं इस लिए आप के ही हैं अभी और मित्र हैं तो सदा के लिए जय श्री राधे 

भ्रमर ५ 
Comment by Deepak Sharma Kuluvi on July 18, 2012 at 5:21pm

wonderful...rachnayen sir

deepak sharma kuluvi

09350078399

Comment by Abhinav Arun on April 11, 2012 at 8:42am

सोचने को विवश करती रचना हार्दिक  बधाई और शुभकामनाएं श्री सुरेन्द्र जी !!

Comment by अश्विनी कुमार on April 11, 2012 at 8:29am

स्नेही भ्रमर जी ,,अति उच्च भाव युक्त प्रवाहमयी रचना के लिए आपका हार्दिक आभार .....

Comment by minu jha on April 8, 2012 at 6:21pm

भावों को खूबसूरती से पिरोया है आपने भ्रमर जी

Comment by anamika ghatak on April 7, 2012 at 4:13pm

बहुत ही बढ़िया भाव 

Comment by RAJEEV KUMAR JHA on April 7, 2012 at 3:30pm

बहुत सुन्दर कविता,आदरणीय भ्रमर जी.

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on April 7, 2012 at 2:03pm

संवेदनशील रचना के लिए हार्दिक बधाई भ्रमर जी! स्वागतम आपका मंच पर|

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 7, 2012 at 7:44am

भ्रमर कहें बंधुत्व शांति पर पीड़ा का जो ध्यान रखें !

भूकंप न छेड़े -धरती न फटे -तूफान भी कश्ती पार  करे !!

आदरणीय भ्रमर जी, सादर , अपने भावों को आप जिस प्रकार रचते हैं. काबिले तारीफ होता है. बधाई!

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 6, 2012 at 11:53pm

आदरणीय भ्रमर जी, सादर , अपने भावों को आप जिस प्रकार रचते हैं. काबिले तारीफ होता है. बधाई. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Jul 12
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Jul 10
Admin posted discussions
Jul 8
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service