For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वाणी वंदना

\

रसना पर अम्ब निवास करो,

माँ हंसवाहिनी नमन करूँ.

सेवक चरणों का बना रहूँ,

नित उठ बस तेरा ध्यान धरूँ.

 

छंदों का नवल स्वरुप लिखूँ,

लेखनी मातु रसधार बने.

हो प्रबल काव्य उर वास करो,

हर छंद मेरा असिधार बने.

 

मन का संताप मिटा करके,

भाषा का बोध करा दे माँ.

रख हाँथ शीश पर कृपामयी,

भव सागर पार करा दे माँ.

 

वीणा की मृदुल तान भर दे,

सपनों में नयी जान भर दे.

पद - कंज में पुष्प चढाऊं माँ,

कविता का अमिय ज्ञान भर दे.

 

Views: 808

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 20, 2012 at 11:21am

आदरणीया राजेशकुमारी मैम प्रोत्साहन पर कोटि कोटि धन्यवाद,"


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 20, 2012 at 8:19am

माँ सरस्वती की कृपा हमेशा आपके ऊपर बनी रहे बहुत सुन्दर वंदना लिखी है 

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 19, 2012 at 11:32pm

आदरणीया महिमा जी प्रोत्साहन पर कोटि कोटि धन्यवाद, माँ शारदे की कृपा हम सब पर बनी रहे

                                                                   सादर

Comment by MAHIMA SHREE on April 19, 2012 at 11:01pm

वीणा की मृदुल तान भर दे,

सपनों में नयी जान भर दे.

पद - कंज में पुष्प चढाऊं माँ,

कविता का अमिय ज्ञान भर दे.

मृदु जी भाव पूर्ण अभिवयक्ति ....माँ शारदा का आशीर्वाद आपको मिल रहा है ..तभी तो नित उछइयो को छु रहे है...

बधाई आपको

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 10, 2012 at 12:24pm

आदरणीय प्रदीप सर सादर नमन, माँ की कृपा हम सब पर बनी रहे, स्नेह और साराहना के लिए ह्रदय से  कोटि कोटि धन्यवाद

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 10, 2012 at 11:58am

ye prarthna to mujhe nitya karni chahiye. jai maa. krapa kar. 

aapko badhai. 

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 9, 2012 at 9:15pm

आदरणीय जवाहर  सर सादर नमन,आपके  स्नेह और साराहना के लिए ह्रदय से  कोटि कोटि धन्यवाद

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 9, 2012 at 9:14pm

आदरणीय वाहिद सर सादर नमन,आपका स्नेह और आशीर्वाद मिला कोटि कोटि धन्यवाद

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 9, 2012 at 5:00am
प्रिय मृदु जी, माँ शारदे से प्रार्थना! वह भी कितनी मृदुल भाषा में!

मन का संताप मिटा करके,

भाषा का बोध करा दे माँ.

रख हाँथ शीश पर कृपामयी,

भव सागर पार करा दे माँ.

सबको मृदुल कंठ दे दो,
आपस में प्रेम बढ़ा दे माँ!
Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on April 8, 2012 at 7:54pm

बहुत ही सुन्दर कविता| माँ शारदे का असीम स्नेह आपको पहले ही प्राप्त है और मेरी दुआ है कि उनकी कृपा वर्षा आप पर दीर्घ कॉल तक होती रहे! माता ऐसा पुत्र पा कर अति प्रसन्न होंगी!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .इसरार

दोहा पंचक. . . .  इसरारलब से लब का फासला, दिल को नहीं कबूल ।उल्फत में चलते नहीं, अश्कों भरे उसूल…See More
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
yesterday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service