कुछ खरी-खरी
Comment
महिमा जी बहुत सुखद प्रतिक्रिया दी है आपने आभारी हूँ
सुन्दर सशक्त रचना आदरणीया राजेश कुमारी मैम हार्दिक बधाई इस रचना के लिए
बहुत बहुत शुक्रिया प्रदीप कुमार कुशवाह जी
तेरे इस गूंगे घर से तो खंडहर ही बेहतर हैं वहां कम से कम पत्थर तो बाते करते हैं |
bahut khoob kaha aapne. badhai. aadarniya mahodaya ji saadar abhivadan ke saath.
सुरेंदर कुमार शुक्ल जी सराहना के लिए हरदे से आभारी हूँ
बहुत हार्दिक आभार प्राची जी |
अम्बरीश जी आपकी अमूल्य टिपण्णी सर आँखों पर
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