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माँ तुम्हें कहाँ से लाऊं ???

वो छोटी सी पगडण्डी 
जिसकी नुकीली झाड़ियाँ 
अपने हाथों से काटकर 
बनाई थी तुमने मेरे चलने के लिए, 
आज वो कंक्रीट की सड़क बन गई है 
जो पौधा अपने आँगन 
में लगाया था तुमने, 
वो सघन दरख़्त बन गया है 
नई- नई कोंपले 
भी निकल आई हैं उसपर 
जो नन्हा दिया जलाया 
था तुमने मुझे रौशनी देने के लिए 
वो अब आफताब बन गया है 
तुम्हारे उस कच्ची माटी के घरौंदे 
ने कंक्रीट के परिधान पहन लिए हैं 
तुमने जो एक बार मेरे सामने 
दो लकीरें खींची थी 
जिनके अंतिम छोर पर एक- एक
चाकलेट रखी थी  
और एक लकीर पर फूल बिछाए थे 
और एक पर छोटे- छोटे पत्थर
फिर मुझे कहा था 
कि किसी एक लकीर पर चलकर 
चाकलेट उठा कर लाओ 
आज मैं उसका अर्थ समझ चुका हूँ 
तुम्हारी कसम आज मैंने 
पत्थरों वाली लकीर पर चलकर
अपना लक्ष्य प्राप्त किया है 
मंजिल मेरी मुठ्ठी में है 
चाहता हूँ खोल कर दिखाऊं
पर माँ तुम्हें कहाँ से लाऊं ??? 
         *******
(happy mother's day 13/5/12)

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Comment

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Comment by Ashok Kumar Raktale on May 18, 2012 at 6:29pm

आदरणीय राजेश जी
                 सादर,
                               आज मैं उसका अर्थ समझ चुका हूँ
                  तुम्हारी कसम आज मैंने
                  पत्थरों वाली लकीर पर चलकर
                  अपना लक्ष्य प्राप्त किया है
                  मंजिल मेरी मुठ्ठी में है
                  चाहता हूँ खोल कर दिखाऊं
                  पर माँ तुम्हें कहाँ से लाऊं ???
मदर्स डे पर आपने बहुत ही मार्मिक रचना लिखी है दिल को छू गयी. बधाई.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 11, 2012 at 10:12pm

सुरेन्द्र कुमार शुक्ला जी बहुत- बहुत हार्दिक आभार आप सही कहते हैं कोई माँ अपने बच्चे को गलत सीख दे ही नहीं सकती 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 11, 2012 at 10:02pm

कि किसी एक लकीर पर चलकर 

चाकलेट उठा कर लाओ 
आज मैं उसका अर्थ समझ चुका हूँ 
तुम्हारी कसम आज मैंने 
पत्थरों वाली लकीर पर चलकर
अपना लक्ष्य प्राप्त किया है 
मंजिल मेरी मुठ्ठी में है 
चाहता हूँ खोल कर दिखाऊं
पर माँ तुम्हें कहाँ से लाऊं ??? 
बहुत सुन्दर ...माँ की सोच उसकी शिक्षा माँ ही  दे सकती है अनुपम है ...आभार  --भ्रमर ५ 

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 11, 2012 at 8:10pm

हार्दिक आभार संजय  कुमार पटेल जी  मात्र दिवस  की शुभकामनाएं 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 11, 2012 at 8:10pm

 हार्दिक आभार अजय बोहत मात्र दिवस  की शुभकामनाएं 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 11, 2012 at 8:04pm

माँ तुम्हें कहाँ से लाऊं ???


in bhaavon ke liye aapko hardik badhai .............behad  bhavnatmak

Comment by AjAy Kumar Bohat on May 11, 2012 at 7:14pm

Bahut hi marmik rachana Rajesh ji, mera pranaam aapko.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 11, 2012 at 5:07pm

गणेश बागी जी हार्दिक आभार मेरी भावना की  कद्र करने के लिए 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 11, 2012 at 5:05pm

हार्दिक आभार सौरभ जी मेरी रचना ने आपके दिल को छुआ 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 11, 2012 at 5:03pm

बहुत- बहुत आभार आशीष जी ये सच है माँ हमेशा दिल में रहती है 

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