For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दिल लगाने को तुला है

नापाक इरादे से दिल लगाने को तुला है,
इक शक्स मेरी हस्ती मिटाने को तुला है,
  
हजारों किये हैं जुर्म मगर सजा कोई नहीं,
मुझको भी गुनाहों में फ़साने को तुला है,

सौदागर है, दिलों का व्यापार करता है,
धंधा है यही वो जिसको, बढ़ाने को तुला है,

धमकी दे रहा है, सीने पर मेरे चढ़कर,
जालिम है जबरजस्ती, डराने को तुला है,

आता है नए - नए रोज़, दावं सीख कर,
मेरे जीवन को जुए में, हराने को तुला है,



Views: 401

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 12, 2012 at 2:33pm

बहुत बहुत शुक्रिया अरुन भाई

Comment by Arun Sri on July 12, 2012 at 1:32pm

सौदागर है, दिलों का व्यापार करता है,
धंधा है यही वो जिसको, बढ़ाने को तुला है, ........... अलग और उम्दा ख्याल ! बढ़िया !

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 12, 2012 at 12:48pm

संदीप जी आपको पसंद आई, यही बहुत बड़ी बात है.

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on July 12, 2012 at 12:07pm

अच्छी  ग़ज़ल कहने का प्रयास किया मित्र सादर बधाई स्वीकार करें

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 12, 2012 at 10:52am

दीप्ति जी, रेखा जी, भ्रमर जी, उमाशंकर मिश्र जी और खत्री जी, आप सभी का स्नेह पाकर मैं धन्य हो गया. तहे दिल से शुक्रिया.

Comment by Albela Khatri on July 12, 2012 at 9:25am

वाह अरुण जी वाह !
बहुत खूब !
________बधाई !

Comment by UMASHANKER MISHRA on July 11, 2012 at 11:19pm

सौदागर है, दिलों का व्यापार करता है,
धंधा है यही वो जिसको, बढ़ाने को तुला है, वाह वाह  है अरुण भाई वाह वाह

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 11, 2012 at 10:20pm

धमकी दे रहा है, सीने पर मेरे चढ़कर, 
जालिम है जबरजस्ती, डराने को तुला है, 

आता है नए - नए रोज़, दावं सीख कर, 
मेरे जीवन को जुए में, हराने को तुला है, 

मत डरना तूफानों से प्यारे ये दीप बुझाने आयेंगे 
सर थोडा झुका उठा फिर लेना ये रोते ही जायेंगे 
भ्रमर ५

 

Comment by Rekha Joshi on July 11, 2012 at 9:39pm

अरुण जी 

हजारों किये हैं जुर्म मगर सजा कोई नहीं,
मुझको भी गुनाहों में फ़साने को तुला है, क्या कहने ,बहुत खूब ,बधाई 
Comment by deepti sharma on July 11, 2012 at 7:08pm

वाह बहुत खूब 

बधाई आपको 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Sunday
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Oct 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Oct 31
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Oct 31
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Oct 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service