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दोस्त ....दोस्त वो नहीं रहा,
दिल के मारे, दिल नहीं रहा,


बहता पानी, आँख में नमी,
सागर छूटा, अब नहीं रहा,

धड़कन धीमी, और हो गयी,
काबू खुद पर, जो नहीं रहा,

अब बस तेरा, इंतज़ार है,
इतनी जल्दी, सो नहीं रहा,

रुकी सांसे बस, अभी -अभी,
शायद सच में, मैं नहीं रहा..........

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Comment by अरुन 'अनन्त' on August 8, 2012 at 12:21pm

शुर्क्रिया अशोक सर

Comment by Ashok Kumar Raktale on July 28, 2012 at 6:41pm

रुकी सांसे बस, अभी -अभी,
शायद सच में, मैं नहीं रहा..........

वाह सुन्दर अरुण जी.

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 28, 2012 at 11:00am

बहुत -२ शुक्रिया माँ.... आपका आशीर्वाद रहा तो सफल जरुर हो जाऊँगा

Comment by Rekha Joshi on July 27, 2012 at 10:37pm

रुकी सांसे बस, अभी -अभी,
शायद सच में, मैं नहीं रहा.,लिखते रहो अरुण बेटा ,अच्छा प्रयास है ,बधाई 

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 27, 2012 at 3:30pm

शुक्रिया अलबेला जी......

Comment by Albela Khatri on July 27, 2012 at 3:17pm

BAHUT KHOOB........

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