शन्नो की सगी बहन मन्नु लेकिन शक्ल सूरत में जमीन आसमान का अंतर , अपने माता पिता की लाडली शन्नो इतनी सुंदर थी मानो आसमान से कोई परी जमीन पर उतर आई हो ,बेचारी मन्नु को अपने साधारण रंग रूप के कारण सदा अपने माता पिता की उपेक्षा का शिकार होना पड़ता था |शन्नो अपने माँ बाप के लाड और अपनी खूबसूरती के आगे किसी को कुछ समझती ही नही थी |एक दिन दुर्भाग्यवश उनकी माँ बहुत बीमार पड़ गई ,सारा दिन बिस्तर पर ही लेटी रहती थी ,मन्नु ने अपनी माँ की सेवा के साथ साथ घर का बोझ भी अपने कंधों पर ले लिया ,उसकी नकचढ़ी बहन किसी भी काम में उसका हाथ नही बंटाती थी |धीरे धीरे मन्नु की मेहनत रंग ले आई और उसकी माँ के स्वास्थ्य में सुधार होना शुरू हो गया,अपनी बेटी को इतना काम करते देख उसके माँ बाप की आँखों में आंसू आ गये ,उन्होंने उसे गले लगा लिया ,वह जान चुके थे असली खूबसूरती तो मन की होती है |
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आपके अनमोल कमेन्ट के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ,सदीप जी
असली सुन्दरता तो मन की होती है ,आपको कथा पसंद आई ,आपका बहुत बहुत धन्यवाद ,वसुधा जी
waah .........
bahut khub !
nice post !
बहुत सुन्दर कथा हार्दिक बधाई आपको आदरणीया रेखा जी .............................खूबसूरती वरदान तो है किन्तु हृदय की खूबसूरती के आगे कुछ भी नहीं
सुंदर कथा
काश की सभी लोग इसी तरह रंग भेद से बाहर निकल कर मन की खूबसूरती को समझ पाते।
संदेशपूर्ण इस कथा के लिए धन्यवाद।
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