कविताये कैसे बनती है
Comment
दिल की कुछ भावनाएं होती है
जो शब्दों का रूप लेकर
कागज पर उतर आती है
और कवितायेँ बन जाती है...bahut khoob Sonam ji..aapake dil ki bhawanaye khoobasoorati se kagaz hi nahi dil me bhi utar gai....
//कवितायेँ न जाने कैसे बनती है........
कवितायेँ तो "बस यूँ ही" बनती है ...
जैसे भी बनती खुद-ब-खुद बनती है
कवितायेँ कैसे बनती है...............!!//
वाह सोनम सैनी जी वाह ........आपने तो अपनी इस कविता के माध्यम से कविता को ही परिभाषित कर दिया है .....बहुत बहुत बधाई स्वीकारें ....सस्नेह !
जैसे भी बनती खुद-ब-खुद बनती है
बात सही लगती है
जाना अब कविता कैसे बनती है.
बधाई, स्नेही सोनम जी शुभाशीष के साथ.
कवितायेँ.................
तलाश करती है अपने अस्तित्व को
प्रकाशन विभागों की दुनिया में
लेकिन अधिकतर खाली हाथ ही लौट आती है
कवियों कि दुखती रग पर हाथ रखती सुन्दर पंक्तियों के लिए बधाई सोनम जी.
कवितायेँ .................
जो सच्चाई से भरी होती है
कभी समाज के लिए , देश के लिए
तो कभी किसी खास के लिए लिखी जाती है
कवितायेँ जिनमे नफरत नहीं होती
कवितायेँ तो बस प्यार से लिखी जाती है,बहुत खूब ,बढ़िया रचना पर हार्दिक बधाई सोनम जी
जो खुद में बहुत कुछ समेटे होती है
कभी-कभी बेनाम ही रह जाती है
कवितायेँ.................
तलाश करती है अपने अस्तित्व को
प्रकाशन विभागों की दुनिया में
लेकिन अधिकतर खाली हाथ ही लौट आती है
कविताये कैसे............
ati sundar sonam ji ! bahut badhiya
sach hi hai dil ke dard , man ki khushi jab shabdon mein bayan hoti hai to kavita banti hai !
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online