For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नौहा समझो तो नौहा, दोहा समझो तो दोहा

पहले से ही त्रस्त हैं, सीधे सादे लोग
मत फैलाओ भाइयो, अफवाहों का रोग

जन जन आशंकित हुआ, नख से लेकर केश
अफवाहों की आँच में, झुलस न जाये देश

देश हमारा  ताज है,  देशधर्म सरताज
जब तक इसकी लाज है, तब तक अपनी लाज

किसके सिर में चल रही, हिंसा की खुजलाट
मुझको गर दिख जाये वो, मारूँ  उसे चमाट

कर्णाटक हो या असम, चाहे महाराष्ट्र
एक हमारी भावना, एक हमारा राष्ट्र 

बीज न बोयें द्वेष का, रखिये मन में नेह
आपस में नेहस्त हों , केरल हो या लेह

सरकारों को कोसना, दुस्साहस कहलाय
लेकिन अपने देश में, मूरख आग लगाय

'अलबेला' विनती करे, जोड़े दोनों हाथ
मिलजुल जीना सीख लो, इक दूजे के साथ

-जय हिन्द !
-अलबेला खत्री

Views: 1047

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Albela Khatri on August 17, 2012 at 8:55pm

आपकी वाह वा.......शिरोधार्य है  राजेश कुमारी जी......
आभार

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 17, 2012 at 7:05pm
नोहा शब्द को खोजते,क्यों अपने को थकाय
अलबेला क़ी खोज यह,शब्द कोष को बढ़ाय 
हार्दिक बधाई भाईजी सुन्दर भाव -
तुम्हारे काव्य क़ी धार है, अलबेला पैनी धार
दो दो सौगात अब हाथ है, साथ रहने में सार   
 
अलबेलासा परिपक्व करो,सिरपर रखो हाथ 
 लक्ष्मण अब विनती करे, दो भाई का  साथ  
-जय हिन्द !  
Comment by seema agrawal on August 17, 2012 at 4:06pm

देश हमारा  ताज है,  देशधर्म सरताज 
जब तक इसकी लाज है, तब तक अपनी लाज .......बहुत उत्तम बात 
किसके सिर में चल रही, हिंसा की खुजलाट
मुझको गर दिख जाये वो, मारूँ  उसे चमाट ....अच्छा प्रत्युत्तर 

कर्णाटक हो या असम, चाहे महाराष्ट्र 
एक हमारी भावना, एक हमारा राष्ट्र....................बहुत बढ़िया अलबेला जी सभी दोहे एक से बढ़ कर एक
बस एक इस नौहे में यदि   चाहे महाराष्ट्र में एक मात्रा बढ़ा  देंगे तो यह भी दोहा  हो जायगा 
पर आपकी ये नौहा वाली बात अच्छी लगी ...अब दोहे में कुछ कमी होने पर मै भी यही बोल दूंगी ये दोहा नहीं नौहा है ....नयी ईजाद :):)


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 17, 2012 at 1:07pm

किसके सिर में चल रही, हिंसा की खुजलाट
मुझको गर दिख जाये वो, मारूँ  उसे चमाट ---अलबेला  स्टाइल

बीज न बोयें द्वेष का, रखिये मन में नेह 
आपस में नेहस्त हों , केरल हो या लेह-----देश प्रेम की इससे उत्तम राय हो नहीं सकती .....सभी दोहों के लिए वाह ...वाह ...वावाह

Comment by Albela Khatri on August 17, 2012 at 12:51pm

आपका बहुत बहुत धन्यवाद   रेखा जी

Comment by Rekha Joshi on August 17, 2012 at 12:47pm

देश हमारा  ताज है,  देशधर्म सरताज 
जब तक इसकी लाज है, तब तक अपनी लाज ,सुंदर प्रस्तुति अलबेला जी ,बधाई 

Comment by Albela Khatri on August 17, 2012 at 12:30pm

धन्यवाद भाईजी.........
आदरणीय अविनाश जी.........आपका आभार
सादर

Comment by AVINASH S BAGDE on August 17, 2012 at 12:22pm

देश हमारा  ताज है,  देशधर्म सरताज 
जब तक इसकी लाज है, तब तक अपनी लाज SATEEK SAMPRESHAN..

एक हमारी भावना, एक हमारा राष्ट्र  BILKUL...

 भाई अलबेला जी  बधाई स्वीकार करें.  .....

Comment by Albela Khatri on August 17, 2012 at 11:09am

जय हो...........
सादर


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on August 17, 2012 at 10:57am

असम हो या कर्नाटका की जगह कर्णाटक हो या असम  कर दिया है भाई जी. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक  . . . .( अपवाद के चलते उर्दू शब्दों में नुक्ते नहीं लगाये गये  )टूटे प्यालों में नहीं,…See More
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service