For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

(1)

(तालिबानी फरमान न मानने वाली छात्रा बिटिया मलाला को समर्पित) 

सुंदरी सवैया

उगती जब नागफनी दिल में, मरुभूमि बबूल समूल सँभाला ।
बरसों बरसात नहीं पहुँची, धरती जलती अति दाहक ज्वाला ।
उठती जब गर्म हवा तल से, दस मंजिल हो भरमात कराला ।
पढ़ती तलिबान प्रशासन में, डरती लड़की नहीं ढीठ मराला ।।

(2)

विषकुम्भम पयोमुखम

मत्तगयन्द सवैया


बाहर की तनु सुन्दरता मनभावन रूप दिखे मतवाला ।
साज सिँगार करे सगरो छल रूप धरे उजला पट-काला ।
मीठ विनीत बनावट की पर दंभ भरी बतिया मन काला ।
दूध दिखे मुख रूप सजे पर घोर भरा घट अन्दर हाला ।।

Views: 714

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रविकर on October 16, 2012 at 9:30am

बहुत बहुत आभार आदरणीय अजय जी ||

Comment by ajay sharma on October 15, 2012 at 10:45pm

wah wah wah wah i have no words to comment ,,, really really worth praising 

Comment by रविकर on October 14, 2012 at 10:39pm

आभार आदरणीय बागी जी-


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 14, 2012 at 12:02pm

दोनों रचनाएँ बहुत ही उम्दा हैं, मलाला शीघ्र स्वस्थ हो , हम सब की दुआ है, क्योंकि ऐसी बेटियां रोज रोज पैदा नहीं होतीं | बधाई स्वीकार करें आदरणीय रविकर जी | 

Comment by रविकर on October 14, 2012 at 11:32am

बहुत बहुत आभार
आदरेया राजेश दीदी ||

Comment by रविकर on October 14, 2012 at 11:31am

बहुत बहुत आभार
आदरेया राजेश दीदी ||

Comment by रविकर on October 14, 2012 at 11:28am

बहुत बहुत आभार आदरणीय सौरभ जी ||


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 14, 2012 at 7:32am

आपका हृदय से स्वागत है, आदरणीय रविकरजी. इन सुन्दर भावपगे शिल्पशुद्ध छंदों के लिये साधुवाद. आपको इन छंदों पर कहते हुए देख कर मन फूला नहीं समा रहा है. दोनों सवैये अलग-अलग विषयों और आयामों के साथ हैं लेकिन दोनों रचनाओं की तासीर, आदरणीय, मन-हृदय को मनोहारी रस से अभिसिंचित कर रही है. विशेषकर ’विषकुम्भकम् पयोमुखम्’ ..

बधाई-बधाई-बधाई.. .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 13, 2012 at 7:11pm

बहुत ही सुन्दर छंद रचे है रविकर जी और आपके ब्लॉग में आपके प्रकाशित  होने वाले खंड काव्य के अंश भी पढ़े हैं जो लाजबाब हैं हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं आपको 

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 13, 2012 at 3:12pm

स्वागत है आदरणीय रविकर जी,

रचा गया खंडकाव्य प्रकाशित करने की  योजना निःसंकोच बनाएँ ! अशुद्धियों के भय की कोई बात नहीं आदरणीय क्योंकि एक असाधारण विद्वान होने के साथ-साथ आप अपने ओबीओ के सम्मानित सदस्य भी हैं यहाँ पर आपको अशुद्धियों के निराकरण हेतु वांछित सहयोग अवश्य मिलेगा ! सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
" जी ! सही कहा है आपने. सादर प्रणाम. "
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, एक ही छंद में चित्र उभर कर शाब्दिक हुआ है। शिल्प और भाव का सुंदर संयोजन हुआ है।…"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय अशोक भाई साहब।  31 वर्णों की व्यवस्था और पदांत का लघु-गुरू होना मनहरण की…"
10 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, आपने रचना संशोधित कर पुनः पोस्ट की है, किन्तु आपने घनाक्षरी की…"
11 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   नन्हें-नन्हें बच्चों के न हाथों में किताब और, पीठ पर शाला वाले, झोले का न भार…"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व स्नेहाशीष के लिए आभार। जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण…"
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में सारस्वत सहभागिता के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। शीत ऋतु की सुंदर…"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपकी मुग्ध करती गजल से मन को असीम सुख…"
Friday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service