For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शौहर की मैं गुलाम हूँ बहुत खूब बहुत खूब

 stock photo : Portrait of a cute young woman Saudi Arabianstock photo : Beautiful brunette portrait with traditionl costume. Indian style

 

शौहर की मैं गुलाम हूँ  बहुत खूब बहुत खूब ,
दोयम दर्जे की इन्सान हूँ  बहुत खूब बहुत खूब .

 

कर  सकूं उनसे बहस बीवी को इतना हक कहाँ !
रखती बंद जुबान हूँ  बहुत खूब बहुत खूब !

 

उनकी नज़र में है यही औकात इस नाचीज़ की ,
तफरीह का मैं सामान हूँ  बहुत खूब बहुत खूब !

 

रखा छिपाकर दुनिया से मेरी हिफाज़त की सदा ,
मानती अहसान हूँ   बहुत खूब बहुत खूब !

 

वे पीटकर पुचकारते कितने रहमदिल मर्द हैं !
उन पर ही मैं कुर्बान हूँ  बहुत खूब बहुत खूब !

 

'नूतन' ज़माने में नहीं औरत की कीमत रत्ती भर ,
देखकर हैरान हूँ  बहुत खूब बहुत खूब !


                                              शिखा कौशिक 'नूतन'

Views: 876

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 23, 2012 at 2:36pm

/////आपने मुस्लिम महिला के दर्द को अभिव्यक्त किया है.//////

शालिनी जी, पोस्ट पढने से तो नहीं लग रहा कि यह रचना केवल एक धर्म विशेष कि महिलाओं के बारे में लिखी गई हो !!

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 23, 2012 at 2:35pm
अब इस ज़माने में जब महिलाए बराबरी सब कार्य कर रही है 
अब महिलाए स्थानीय निकाय में आरक्षण प्राप्त कर चुकी है 
न शास्त्रों के अनुसार हमारे देश में पहले महिला दोयम दर्जे थी 
न अब महिलाए इस देश में किसी भी रूप में दोयम दर्जे की है ।
अब तो रचनाए "नारी की महमा " जैसी लिखी जाने लगी है ।
फिर भी रचना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत स्वागत है ।-भाव प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई 
 
Comment by shalini kaushik on November 23, 2012 at 2:18pm

बहुत ही भावपूर्ण शब्दों में शिखा  जी  आपने मुस्लिम महिला के दर्द को अभिव्यक्त किया है. आभार


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 23, 2012 at 2:13pm
बहुत बहुत खूब में छिपी कडवाहट खूब छलक रही है भाव खूब उभर कर सामने आ रहे हैं बढ़िया प्रस्तुति 

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 23, 2012 at 1:29pm

’बहुत खूब-बहुत खूब’ मैं भी करता लेकिन यह मंच फ़ेसबुक  नहीं है. अलबत्ता भाव और कथ्य से एक तोषकारी प्रस्तुति.

Comment by akhilesh mishra on November 23, 2012 at 1:16pm

बढ़िया प्रस्तुति ।बधाई स्वीकार करे मैडम ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
yesterday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service