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मेरा प्रयास सार्थक हुआ, हार्दिक आभार आपका भाई श्री अशोक रक्ताले जी
देश में चल रही -
भाई श्री प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा जी, आपने अपने विस्वविद्यालय का मान कर मान बढाया, आपका हार्दिक आभार
आदरणीय लड़ीवाला जी, सादर
अच्छा आप भी हमारे विश्व विद्यालय से हैं. स्वागत है.
हार्दिक आभार आपका आदरणीय गणेशजी बागी जी, फेस बुक वाली आदत से हटकर इस मंच पर आप विद्वजनो के सहयोग से तुकबंदी से आगे बढ़कर काव्य और शिल्प रचना की ओर प्रयास करूँगा । अभी हाल ही दोहे "बदल गयी तरकीब" का अवलोकन कृपया मार्ग दर्शन कर अनुग्रहित करे ।
रचना सराहने के लिए हार्दिक आभार आपका आदरणीया राजेश कुमारी जी
आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी, कथ्य आपके पास हमेशा रहता है, बधाई | आपसे तुकबंदी से आगे की चाहत रहती है |
समसामयिक रचना बहुत बहुत बधाई लक्ष्मण जी
धन्यवाद आपका श्री योगी सारस्वत जी
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