ओ. बी. ओ. के सभी गुरुजनों, मित्रों एवं पाठकों को मेरा विन्रम प्रणाम. आज ओ. बी. ओ. पर काफी दिनों के बाद मेरा आना हुआ है. और ऐसा महसूस हो रहा है कि एक भूला-भटका राही अपने खुशहाल घर वापस आ गया, जहाँ बड़ों का आशीष है, स्नेह है, सहयोग है और कदम- 2 पर साथ है. हाइकु लिखने की पहली कोशिश है मालुम नहीं ठीक है या गलत, आशा करता हूँ कि आप सब मार्गदर्शन अवश्य करेंगे.
सादर
अरुन शर्मा
पराया धन
बढ़ाता परेशानी
मन में चिंता
बुरी नज़र
जलाती तिल तिल
प्रेम संसार
क्रोधित मन
समझता कब है
अपनी भूल
ज्ञानी ह्रदय
बड़ा शांत स्वभावी
प्रकृति जैसा
फूल के पीछे
पड़ी हवा दिवानी
भौंरा पागल
शाम - सबेरे
है ठण्ड झकझोरे
शीत ऋतु की
घूमा मंदिर
भगवान को पाया
मन भीतर
माँ की ममता
अथाह पारावार
पार न पाए
Comment
आदरणीय अशोक सर सब यहीं से सीख रहा हूँ, आगे भी सीखने की कोशिश जारी है बस आप सभी का स्नेह और आशीष बना रहा रहे.
ज्ञानी ह्रदय
बड़ा शांत स्वभावी
प्रकृति जैसा
वाह! क्या बात है बहुत सुन्दर हाइकू के लिए सादर बधाई स्वीकारें अरुण जी
शुक्रिया - शुक्रिया आदरणीय डॉ. बाली सर
अरुण जी आपने मानवीय भावनाओं को बहुत अच्छे शब्दों से उकेरा है इन हाइकु के माध्यम से।
अच्छा प्रयाश ।
बधाई हो !
आदरणीय योगराज सर आपका आशीष मिल गया मैं धन्य हुआ, माँ सरस्वती की कृपा से और आदरेया प्राची जी की बातों को ध्यान में रखते हुए, अगली बार और बेहतर लिखने का प्रयास करूँगा.
कथ्य और शिल्प की दृष्टि से बहुत बेजोड़ और सारगर्भित हाइकु कहे हैं भाई अरुण शर्मा जी, मेरी हार्दिक बधाई स्वीकारें। डॉ प्राची सिंह जी की बात पर भी अवश्य ध्यान दें।
आदरेया प्राची जी सराहना हेतु आपका शुक्रिया और जो बारीकी आपने मुझे हाइकू के बारे में बताई है इससे मैं अभी तक अनभिज्ञ था मार्गदर्शन हेतु आपका अनेक-2 धन्यवाद.
हाइकू विधा पर आपका प्रथम प्रयास सराहनीय है अरुण शर्मा जी
हाइकू लिखते हुए समय दो बातों का ध्यान बहुत ज़रूरी है, पहली ये की तीनों पंक्तिया अपने आप में स्वतंत्र अस्तित्व रखें. ऐसा नही लगना चाहिए कि एक ही पंक्ति को तोड़ कर दो भागों में लिखा गया है...
जैसे ,
फूल के पीछे
पड़ी हवा दिवानी
भौंरा पागल....इस हाइकू में लग रहा है.
दूसरी बात, यदि प्रथम पंक्ति और तीसरी पंक्ति सम्तुकांत हो, तो हाइकू की गेयता बेहद निखर जाती है.
इन बातों का ध्यान रख बहुत सुन्दर हाइकू लिखे जा सकते हैं. भावों की सघनता के लिहाज से आपने बहुत अच्छे हाइकू लिखे है. बधाई इस सद्प्रयास हेतु
आदरणीय लक्ष्मण सर सराहना एवं हौंसला आफजाई के लिए तहे दिल से शुक्रिया
आदरणीय अरुण सर सराहना हेतु अनेक-2 धन्यवाद
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