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दोहे पसंदकर हॉंसला बढ़ाने के लिएहार्दिक आभार श्री अशोक रक्ताले साहिब दोहे आदरणिया राजेश जी के या अन्य के सुझाव पर संशोधित तो कर लेता हूँ | पर यहा ब्लॉग पर पुनः एडिट कर पोस्ट करने पर अवटिंग अप्रूवल मे बहुत देर तक रहता है| इसलिए अपने ईमेल पर ही सेव कर रख लेता हूँ |
आदरणीय लड़ीवाला साहब बहुत सुन्दर दोहों की प्रस्तुति.बधाई स्वीकारें आद. राजेशकुमारी जी ने कुछ कमियों पर नजर डाली है आप इसे सुधार कर दोहे पुनः प्रस्तुत कर सकते हैं क्योंकि यह तो ब्लॉग पर हैं.पुनः बधाई स्वीकारें.
दोहे पसंद करने के लिए आपका शुक्रिया श्री जवाहर लाल सिंह जी
आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी, नमस्कार!
समस्त भावों को अपने आप में समेटती आपकी रचना काबिले तारीफ है! बधाई!
हार्दिक आभार आपका भाई अरुण शर्मा अनंत जी दोहे ओबीओ में ही गुरुजनों से सीखे है
सुझाव देने के लिए हार्दिक आभार राजेश कुमारी जी दरअसल नित्य लिखना था जो टंकण त्रुटी वश नित हो गया
सर आपका जवाब नहीं मुझे दोहों का ज्ञान नहीं है परन्तु पढने में बहुत ही मज़ा आ गया है, तहे दिल से बधाई स्वीकारें
लक्ष्मण जी बहुत अच्छे प्रेरणास्पद दोहे लिखे हैं कुछ सुधारों का सुझाव दिया है करके देखिये हार्दिक बधाई आपको
नहीं रहा अब गाँव में, भाईचारा भाव,
जो छंद विधान की विशेषज्ञ है उनके तो पांच दोहे पचास दोहे के बराबर होंगे | आपके सुन्दर भाव दोहे पर बधाई भाई वीनस केसरी जी, मुझे तो अभी सीखना है | दोहे और गजल दोनों पर आपकी अच्छी पकड़ है । मेरे दोहे आपको पसंद आने का अर्थ तो मुझे प्रमाण पात्र मिलने सामान है, इसके लिए आपका विशेष रूप से हार्दिक आभार
दोहों के भाव पसंद करने की लिए अपका हार्दिक आभार श्री लतीफ़ खान भाई
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