For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चाह है उसकी मुझे पागल बनाये

चाह है उसकी मुझे पागल बनाये,

बेवजह उड़ता हुआ बादल बनाये,

 

लोग देखेंगे जमीं से आसमां तक,

रेत में सूखा घना जंगल बनाये,

 

जान के दुखती रगों को छेड़कर,

दर्द की थोड़ी बहुत हलचल बनाये,

 

पास रखना है मुझे हर हाल में,

आँख का सुरमा कभी काजल बनाये,

 

दौर आया मुश्किलों की ओढ़ चादर,

और वो पत्थर मुझे दलदल बनाये,

 

मैं रहा तन्हा अकेला जिंदगी भर,

दूर सब अपने खड़े थे दल बनाये,

 

जान लो वो मार देगा जान से जो,

चासनी लब पर रखे हरपल बनाये....

Views: 451

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 13, 2012 at 5:07pm

आदरणीय संदीप भाई सादर,
बधाई हेतु अनेक-2 धन्यवाद मित्र,
मित्र आप सत्य कह रहे हैं मैं कुछ ज्यादा ही जल्दबाजी कर जाता हूँ, यही कारण है खामियां रह जातीं हैं, आपके द्वारा दिए गए निर्देश का मैं अवश्य पालन करूँगा, कल से दुबारा वीनस भाई के द्वारा बताये गए ग़ज़ल के नियम को पुनः पढ़ रहा हूँ. आशा करता हूँ की आगे आप सभी को निराश न करूँ. सादर अरुन शर्मा

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on December 13, 2012 at 4:58pm

आदरणीय अरुण जी सादर
बधाई आपको इस ग़ज़ल पर , किन्तु 
इस बार कहन कमजोर सी लगी गुरुजन अपनी कीमती राय अवश्य देंगे
आशा है आप भी मेरे तरह जल्दबाजी को छोड़ संयम रखना शीघ्र ही आत्मसात करेंगे 
उससे बहुत सी बातें स्पष्ट हो जाती है
जैसे आदरणीय वीनस जी ने मुझे एक मोबाइल काल के वार्तालाप के समय कहा 
अपनी रचना को बार बार पढ़ के देखें बहर औ वजन खुद ब  खुद संयत हो जायेगा
ख्याल शब्दों में ऐसे बंधे के सब समझ में आये की आप क्या कहना चाहते हैं
बस जी हो गया
शुभकामनाओं सहित

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 13, 2012 at 3:55pm

आभार आदरणीय गणेश सर अदायगी को रवां करने की कोशिश जारी है.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 13, 2012 at 3:47pm

सुन्दर कहन अरुण जी , जरा अदायगी पर ध्यान दें , बातें स्पष्ट होनी चाहिए | बधाई इस अभिव्यक्ति पर |

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 13, 2012 at 3:16pm

शुक्रिया श्याम सर

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 13, 2012 at 3:16pm

धन्यवाद अजय सर

Comment by Shyam Narain Verma on December 13, 2012 at 3:10pm

BAHOT KHOOB

 

Comment by Dr.Ajay Khare on December 13, 2012 at 1:35pm

gajal badia he badhai

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति से प्रसन्नता हुई। हार्दिक आभार। विस्तार से दोष…"
Mar 7
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
Mar 6
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Mar 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Mar 2
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Mar 1
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Feb 28
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Feb 28

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service