स्वागत गणतंत्र
प्रो. सरन घई, संस्थापक, विश्व हिंदी संस्थान
स्वागतम सुमधुर नवल प्रभात,
स्वागतम नव गणतंत्र की भोर,
स्वागतम प्रथम भास्कर रश्मि,
स्वागतम पुन:, स्वागतम और।
जगा है अब मन में विश्वास,
कि सपने पूरे होंगे सकल,
कुहुक कुहुकेगी कोयल कूक,
खिलेगा उपवन का हर पोर।
युवा होती जायेगी विजय,
सुगढ़ होता जायेगा तंत्र,
फैलती जायेगी मुस्कान,
विहंसता जायेगा जनतंत्र।
कल्पनाएँ सब होंगी सुफल,
धारणाओं पर होगा व्यवहार,
होगी सद्व्यवहारों की जीत,
और असत्व्यवहारों की हार।
राष्ट्र का और बढ़ेगा मान,
करेगा अर्जित नव सम्मान,
गुंजेगा चहुँदिश राष्ट्र का मान,
जय हो, जय-जय हो हिंदुस्तान।
आज के दिन सब जुट कर संग,
करें भारत माँ से अनुयास,
संचरित हो जन-जन में शक्ति,
परस्पर और बढ़े विश्वास।
रह सकें मिलजुल कर हम संग,
बिखेरें चहुँदिश सुमधुर रंग,
रख सकें परचम की हम शान,
हो सकें इस पर हम कुर्बान।
भूल कर भेद-भाव हर एक,
करें गणतंत्र का हम अभिषेक,
गुंजाएँ राष्ट्रगान की तान,
तिरंगा ऊँची भरे उड़ान।
यही है भक्ति, यही है ध्येय,
मांगते सब मिलकर यह दान,
देव दो आज यही वरदान,
राष्ट्र का अभ्युर्थित हो मान।
Comment
सम्माननीय घईजी,
बहुत ही सुंदर रचना के लिए साधुवाद।।
युवा होती जायेगी विजय,
सुगढ़ होता जायेगा तंत्र,
फैलती जायेगी मुस्कान,
विहंसता जायेगा जनतंत्र।...सुक्ति।। सादर।।
देव दो आज यही वरदान,
राष्ट्र का अभ्युर्थित हो मान। - बहुत सुन्दर अभ्व्यक्ति रचना हार्दिक बधाई श्री शरण घी भाई जी
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यही है भक्ति, यही है ध्येय,
मांगते सब मिलकर यह दान,
देव दो आज यही वरदान,
राष्ट्र का अभ्युर्थित हो मान।//
इस प्रार्थना में हम सब भी स्वर मिलाते हैं , ऐसा ही हो , ऐसा ही हो , आदरणीय सरन साहब, बहुत ही सुन्दर रचना आपने रची है, इस अभिव्यक्ति और प्रस्तुति पर अनेकानेक बधाइयाँ , गणतंत्र दिवस की मंगलकामनायें ।
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VANDEMATARAM
HAPPY REPUBLIC DAY
बहुत सुंदर चाह और दुआ .
बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनायें आपको भी
यह मनोकामना भगवान् पूर्ण करे ,सुन्दर भाव देश भक्ति से परिपूर्ण रचना हेतु हार्दिक बधाई आपको
bahot khoob..........................
कल्पनाएँ सब होंगी सुफल,
धारणाओं पर होगा व्यवहार,
होगी सद्व्यवहारों की जीत,
और असत्व्यवहारों की हार।
swaagat hai !
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