राज की बात हम तलक ही रहे
ये मुलाक़ात हम तलक ही रहे ।
कुछ सवालात पूछ बैठे हम
कुछ सवालात हम तलक ही रहे ।
उनके इल्ज़ाम सब थे झूठे मगर
मेरे इस्बात हम तलक ही रहे ।
डर है तुझको बहा न ले जाये
ऐसी बरसात हम तलक ही रहे ।
इन सितारों को बाँट ले दुनिया
चाँदनी रात हम तलक ही रहे ।
(इस्बात - प्रमाण/सुबूत)
Comment
आदरणीय सौरभ सर.. प्रणाम..
मिसरों का वजन २१२२ १२१२ ११२/२२ लिया है |
कुछ सवालात पूछ बैठे हम
कुछ सवालात हम तलक ही रहे ।,बहुत खूब आशीष जी ,बधाई
आशीषजी, आपके कई शेर भावों के लिहाज से बहुत सधे हुए हैं. मुबारकबाद .. .
आपने मिसरों के बह्र का वज़्न क्या लिया है ?
शुक्रिया आरती जी एवं पाठक जी....
वाह वाह भाई ............अच्छा प्रयास हुआ है .............
शुक्रिया आ. अभिनव जी....
परवीन जी 'तलक' का अर्थ है तक/Till.....
(बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी – कफील अज़र)
शुक्रिया नादिर जी
.बहुत सुन्दर ग़ज़ल ..बधाई स्वीकारें
नमस्कार सलिल जी...बहुत सुन्दर ग़ज़ल ..बधाई स्वीकारें
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