अब रंग रंग के फूल खिले हैं,
मेहनत कर रहा माली |
बरसों से था आस लगाये,
रब कब महकेगी डाली |
तड़के उठ कर बाग़ सजाये,
आ जाती है घर वाली |
हरा भरा है बाग़ सुहावन,
देख मनाएं खुशिहाली |
फूलों पर मधुप गुनगुनाते,
झूम वसंती रागों में |
देख इठलाती तितलियों को,
मन घुल जाये पागों में |
आम मंजरी से रस बरसे,
महके वातावरण सारा |
मधुर पवन के झोंके में बस,
टिकोरा लगे है प्यारा |
होली गीत सुनाये कोयल,
झूम झूम के डाली में |
आ बुलबुल चहकें शाखों पर,
फिर जोश भरें माली में |
जाड़ा गरमी बरसातों में,
लगा रहा दिन रातों में |
फूल देखने की चाहत में,
उलझा ना पर बातों में |
मेहनत से मिल गयी मंजिल,
अब तो खुशी मनायेगा |
कैसे बिता रात दिन उसका,
दुनिया को बतलायेगा |
मेहनत तो सभी करते हैं,
पर विरले मंजिल पाते |
वर्मा बस नसीब के मारे,
पसीना बहा पछताते ।
श्याम नारायण वर्मा
Comment
मेहनत से मिल गयी मंजिल,
अब तो खुशी मनायेगा |
कैसे बिता रात दिन उसका,
दुनिया को बतलायेगा |...achhi hai...
परिश्रम दिख रहा आदरणीय-
शुभकामनाएं-
badia rachana badhai
मेहनत तो सभी करते हैं,
पर विरले मंजिल पाते |
achi rachna hai verma ji
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