For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

त्रिसुगंधि .. काव्य संकलन हेतु रचनाएँ आमंत्रित

अखिल भारतीय साहित्यकला मंच

द्वारा

काठमाण्डु (नैपालमें आयोजित

(अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी समारोह 8 जून 2013 से 11 जून, 2013 तक)

इस समारोह में त्रिसुगंधि नामक काव्य संकलन/ संग्रह का विमोचन होना है । इस पुस्तक में प्रकाशन हेतु ओबीओ के रचनाकारों से उनकी मौलिक व अप्रकाशित रचनाएँ आमंत्रित है, जो प्रिण्ट में प्रकाशित न हुई हों । वेब पर अपलोडेड रचनाएँ स्वीकार्य होंगीं । इच्छुक रचनाकार किसी एक विधा में अपनी दो रचनाएँ अपने संक्षिप्त जीवन-परिचय के साथ भेज दें ।

काव्य विधा हेतु तीन प्रभाग तय किये गये हैं -  कविता ,गीत और ग़ज़ल 

इन्ही तीन विधाओं की महक से महकेगी यह त्रिसुगंधि !

रचनाकारों की रचनाएँ हम तक 15/3/2013 तक अवश्य पंहुच जायें, ताकि अनुमोदित तथा स्वीकृत रचनाओं को संकलित कर संकलन-पुस्तक पर काम करने के लिए हमारे पास उपयुक्त समय रहे ।

प्रविष्टिभेजने हेतु मेल-आइडी - trisugandhi@gmail.com

कृपया ध्यान दें .....प्रविष्टि भेजने की अंतिम तिथि दिनांक १८.०३.२०१३ तक कर दी गई है ।  

आभार 

आशा  पांडेय ओझा 

सह संयोजक 

द्वारा, अखिल भारतीय साहित्यकला मंच 

Views: 1991

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सूबे सिंह सुजान on March 7, 2013 at 10:12pm

avashya bhejnege......aapki koshish rng laye..........

Comment by K.K.Singh Aamad Sadhupuri on March 7, 2013 at 1:52pm
ACHCHHA PRYAS HAI RACHNAKARON KO EK AVSAR MILEGA APNI PRATIBHA DIKHANE KA.DHANYABAD .
Comment by asha pandey ojha on March 7, 2013 at 8:27am

@ Aadrniya Shanno Aggarwal di bhala yah bhi koi poochne ki baat hai

Comment by asha pandey ojha on March 7, 2013 at 8:26am

@ Aadrniy Ashok Kumar Raktaleji hardik aabhar aapka utsahvrdhan awem shubhkamnaon hetu

Comment by asha pandey ojha on March 7, 2013 at 8:25am

Aadriniya Neelima Sharma ji saadr aabhar aapka

Comment by asha pandey ojha on March 7, 2013 at 8:25am

 Aadrniya  PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA ji saadr aabhar aapka aapki amulya shubhkamnaon hetu

Comment by Shanno Aggarwal on March 7, 2013 at 1:13am

आशा, क्या मैं भी भेज सकती हूँ अपनी रचनायें ?

Comment by Ashok Kumar Raktale on March 6, 2013 at 11:01pm

बहुत सुन्दर प्रयास, अवश्य ही ओबीओ के  कुछ कवियों और शायरों के लिए यह सुनहरा अवसर साबित होगा.सभी रचना प्रेषित करने वालों को मेरी शुभकामनाएं.

Comment by Neelima Sharma Nivia on March 6, 2013 at 7:08pm

प्रशंसनीय प्रयास

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 6, 2013 at 6:11pm

हार्दिक प्रसन्नता हुई. 

शुभ कामनाएं 

सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Sunday
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Friday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Friday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service