For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चाहत के पंछी को जब उडाता हूँ

दर्दे -ए -दिल और  करीब पाता हूँ

घूम कर जब तक वो घर नहीं आता 

घर का दर हूँ कब चेन  पाता    हूँ

मैनें  मुस्करा  कर  हाथ बढाया 

 उस के अहं से क्यूँ  टकराता हूँ

तब मुझ को होने का होता है यकीं

लौ की तरह जब में कांप जाता हूँ 

वो चाहे  के बो  दूँ अपने अरमां ,

क्या  बताऊ के एहसास ऊगाता हूँ '

Views: 413

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr.Ajay Khare on March 11, 2013 at 4:30pm

चाहत के पंछी को जब उडाता हूँ

दर्दे -ए -दिल और  करीब पाता हूँsunder rachana mohan ji badhai keep it up

Comment by मोहन बेगोवाल on March 11, 2013 at 3:11pm

सरस्वती जी, 

उत्साहित करने के  लिए धन्यवाद

Comment by Yogi Saraswat on March 11, 2013 at 11:37am

तब मुझ को होने का होता है यकीं

लौ की तरह जब में कांप जाता हूँ 

वो चाहे  के बो  दूँ अपने अरमां ,

क्या  बताऊ के एहसास ऊगाता हूँ

बहुत खूब

Comment by मोहन बेगोवाल on March 9, 2013 at 7:24pm

मोहन बेगोवाल ,

राम जी , उत्साहित करने के लिए धन्यवाद 

Comment by ram shiromani pathak on March 9, 2013 at 7:15pm

bahot hi badiya hai adarneey mohan ji.....kathya ko chdkar aur kuchh bhi hota hai ......pahle to aap gazl ki kaksha,chand vidhaan ,hindee ki kaksha adi join kar jankaari le filhal sab theek hai ....

gurujano se unaki raay lena na bhoole mai bhi seekh raha hu...saadar

Comment by मोहन बेगोवाल on March 7, 2013 at 10:03pm

 मोहन बेगोवाल

एडमिन व दोस्तों, कृपा करके  मेरी रचना बारे अपनी राए दीजिए , क्या मुझे ऐसी रचना को पोस्ट करना चाहिए ?

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service