For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सार/ललित छंद (16+12मात्रायें:- छन्नपकैया की जगह "आई होली छाई होली," का प्रयोग)

आई होली छाई होली, पवन चली मतवारी
रंग लगाते झूम झूम के, मस्त हुए नर नारी

आई होली छाई होली, रंग उड़े सतरंगी
भंग चढ़े है सर पे सबके, होती है हुड़दंगी

आई होली छाई होली, बुरा कोई न माने
रंगों का मौसम ये प्यारा, आता प्रीत बढ़ाने

आई होली छाई होली, भर भर के पिचकारी
कान्हा रंगों को बरसाते, भीगे राधा प्यारी

आई होली छाई होली, यौवन की ले हाला
रंग चटक मलते होता है, अंग अंग मतवाला

आई होली छाई होली, राग फाग सब गाते
मस्त हो रहे सुनके फाग़ें, स्वर भी रस बरसाते

आई होली छाई होली, भीगे चुनरी चोली
अंग लगा साजन रंगो को, सजनी हँस के बोली

आई होली छाई होली, मादक है अमराई
फूले रंग बिरंगे उपवन,धरती ले अंगड़ाई

आई होली छाई होली, इतराती है गोरी
रंग रूप निखरा है यौवन, होती जोरा ज़ोरी

आई होली छाई होली, सबको गले लगाते
छोटे बड़े सभी हिलमिल के, रंग गुलाल उड़ाते

संदीप पटेल "दीप"

Views: 565

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 22, 2013 at 9:34pm

सार छंद के बोल मधुर लगे, हार्दिक बधाई श्री संदीप कुमार पटेल जी 

Comment by ram shiromani pathak on March 22, 2013 at 2:37pm

पढ़ कर होली का आनन्द आ गया।वाह आदरणीय.................


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 22, 2013 at 12:29pm

सार छंद का यह प्रयोग बहुत रोचक और मधुर लगा 
हार्दिक बधाई प्रिय संदीप जी

Comment by बृजेश नीरज on March 21, 2013 at 7:00pm

बहुत सुन्दर!

Comment by vijay nikore on March 21, 2013 at 5:47pm

पढ़ कर होली का आनन्द आ गया।

 

विजय निकोर

Comment by राजेश 'मृदु' on March 21, 2013 at 4:26pm

वाह आदरणीय, सुंदर प्रयोग के साथ होलीमय कर दिया आपने

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gurpreet Singh jammu replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"मुशायरे की अच्छी शुरुआत करने के लिए बहुत बधाई आदरणीय जयहिंद रामपुरी जी। बदलना ज़िन्दगी की है…"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी, पोस्ट पर आने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आयासफर कब मंजिलों से याद आया।१।*हमें …"
10 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय नीलेश जी सादर अभिवादन आपका बहुत शुक्रिया आपने वक़्त निकाला मतला   उड़ने की ख़्वाहिशों…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया अभी ज़िंदा हैं मेरी हसरतें भी तुम्हारी…"
11 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,,, मुझे तो स्कॉच और भजिये याद आए... बाकी सब मिथ्याचार है. 😁😁😁😁😁"
14 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया  टपकने जा रही है छत वो…"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय दयाराम जी मुशायरे में सहभागिता के लिए हार्दिक बधाई आपको"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय निलेश नूर जीआपको बारिशों से जाने क्या-क्या याद आ गया। चाय, काग़ज़ की कश्ती, बदन की कसमसाहट…"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, मुशायरे के आग़ाज़ के लिए हार्दिक बधाई, शेष आदरणीय नीलेश 'नूर'…"
14 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"ग़ज़ल — 1222 1222 122 मुझे वो झुग्गियों से याद आयाउसे कुछ आँधियों से याद आया बहुत कमजोर…"
15 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"अभी समर सर द्वारा व्हाट्स एप पर संज्ञान में लाया गया कि अहद की मात्रा 21 होती है अत: उस मिसरे को…"
15 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service