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बीते इसके साथ में, माह दिवस अरु साल,

छंद ‘चित्र से काव्य तक’, लगता बहुत कमाल,

लगता बहुत कमाल, गजब के छंद सुनाता,

छ्न्दोत्सव आगाज, महोत्सव सबको भाता,

वज्न गजल का मोल, जानता दिल वो जीते,

ओबीओ हर साल, निखरता दिन ज्यों बीते ||

 

             ओपन बुक्स ऑनलाइन की तीसरी वर्षगाँठ पर सभी सदस्यों को और सफल संचालन के लिए संचालक मंडल को हृदयातल से बधाईयाँ | ओ बी ओ उत्तरोत्तर लोकप्रियता के नए आयाम छूता जाए बहुत बहुत शुभकामनाएं |

 

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Comment by राजेश 'मृदु' on April 3, 2013 at 1:24pm

बिल्‍कुल सटीक कहा है आदरणीय आपने, सादर

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 3, 2013 at 12:27am

आदरणीय लड़ीवाला साहब सादर प्रणाम, आपका स्नेहाशीष यूँ ही मिलता रहे. सच है इस सुन्दर मंच की नीव रखने वाले और उसे संवारने वाले सभी विद्वत्त जनों का योगदान हिंदी साहित्य के लिए बड़ी उपलब्धि है.सादर.

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 3, 2013 at 12:22am

आदरणीय बृजेश नीरज जी सादर आभार.

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 3, 2013 at 12:21am

आदरेया राजेश कुमारी जी सादर, मेरे मंतव्य के अनुमोदन के लिए हार्दिक आभार. सभी को शुभकामनाएँ.

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 3, 2013 at 12:20am

आदरणीय भाई संदीप जी, भाई अरुण जी, भाई राम शिरोमणि जी आप सब से सदैव यूँही उत्साह बल पाता रहूँ. आप सब से सदैव यूँ ही स्नेह पाता रहूँ.

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 3, 2013 at 12:16am

आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, आपका आशीष सदैव मेरी कलम को बल प्रदान करे. सदैव आपसे स्नेह की अभिलाषा है.सादर.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 2, 2013 at 6:53pm

ओबीओ हर साल क्या हर माह निखर रहा है, सुन्दर कुण्डलिया छंद के माध्यम से ओबीओ के तीन वर्ष पूर्ण

होने परशुभकामनाएं बहुत भायी, इसके लिए आपको हार्दिक बधाई श्री अशोक रक्ताले जी | ओबीओ की नीव

डालने के लिए श्री गणेश जी बागी जी, श्री योगराज प्रभाकर जी, सभी व्द्वाजानो, गुरुजनों और स्नेहिल सदस्यों

के प्रति हार्दिक साधुवाद एवं शुभ मंगल  शुभकानाए 

Comment by बृजेश नीरज on April 1, 2013 at 5:00pm

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति! ईश्वर से कामना है कि ओ बी ओ सदैव अग्रसर रहे।

Comment by ram shiromani pathak on April 1, 2013 at 4:32pm

आदरणीय अशोक रक्ताले जी बहुत बढ़िया लिखा है आपने ,आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 1, 2013 at 4:20pm

आदरणीय अशोक रक्ताले जी बहुत बढ़िया लिखा है ओ बी ओ की तारीफ में जितना लिखो वो कम होगा नव सृजन शुद्ध सृजन ओ बी ओ की  देन  है आपके साथ मेरी भी सभी को शुभकामनाये|

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