आकाशीय बिजली !!!
लप-लप चमकि-चमकि
रहि रहि कुलेल करत
इत उत धावति बदरा मा
कड़क-कड़क कर
मेघ धमकावत।
बालक-नारि हृदय धड़कावत
बालक जायें छिपे अंचरा मा।
नारि मन धक-धक, रहा न जाये
पाए सहारा और अपनापन
छटपटाय झट गले लगावत।
आंखें मींच लई जोरों से
कसमसात और लजावति।
बिजुरी तनिक समझि न पावति,
गिरत-पड़त छपकि-छपकि
लाज-शर्म न झपकि-झपकि।
नयनों से ज्यों तीर चलावति
सर सर सर सर सरर से
औचक छूटि चपल-चंचल जस
सर सरात, तड़-तड़ाक चली।
भुंई की ओर, सर्प चाल जस
लिपट गई फिर तडि़कचाल से।
अरर-अरर फैला अतिशय उजियारा
पल ही में छा गया अंधियारा।
टावर ज्ञानेन्द्रिय सब भय फेरा
अन्तस पावर बढ़ा घनेरा।
जीवन संयंत्र, उपकरण जियरा
भय शान्ति मृत्यु अस डेरा।
ओह! दुनिया से हो गया किनारा।
आह! बचे सब !
गांव निवासी ।
हां! टावर पर गिरी,
ये आकाशीय बिजली।
के0पी0सत्यम/मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय श्री अशोक कुमार रक्ताले जी, मेरे घर के पास एक टावर पर दिनांक 28.03.2013 को आकाशीय बिजली गिरी थी। मेरे घर के उपकरण कम खराब हुए जबकि औरों के घरों में काफी नुकसान हुआ था फिर भी मैं दुनिया से कट गया था। बस इसी लाचारी को मैंने आप लोगों के सामने लाने की कोशिश की है। आपका बहुत बहुत आभार,
आदरणीय केवल प्रसाद जी सादर, कई जगह रचना समझ नहीं आयी किन्तु आंचलिक शब्दों के उतार चढ़ाव ने मन मोह लिया. वाह! बहुत बढ़िया.
आदरणीया मैम सीमा अग्रवाल जी, आपका सादर अभिनन्दन, आपको आकाशीय बिजली की प्रस्तुति अच्छी लगी, आपकी प्रसंशा हेतु आपका हार्दिक आभार। सादर,
बहुत खूबसूरत प्रस्तुति आंचलिक भाषा ने भावों को और भी मुखर और सुन्दर कर दिया है
आदरणीया मैम कुन्ती मुखर्जी जी, आपको आकाशीय बिजली की प्रस्तुति अच्छी लगी, आपकी प्रसंशा हेतु में आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। सादर,
आदरणीय श्री श्याम नारायण वर्मा जी, आपको आकाशीय बिजली की प्रस्तुति अच्छी लगी, आपके उत्साह वर्धन हेतु आपका बहुत-बहुत आभार। सादर,
आदरणीय श्री राम शिरोमणि पाठक जी, डर तो लगता है भाई, अगर न लगता तो यह रचना ही क्यों लिखता। आपको आकाशीय बिजली की प्रस्तुति अच्छी लगी, आपका बहुत-बहुत आभार। सादर,
आदरणीय श्री इंजी0 गनेश जी ‘बागी‘ जी, आपने मेरे ब्लाग पर टिप्पणी की। इसके लिये मैं आपका तहेदिल से स्वागत करता हूं। आपको आकाशीय बिजली की प्रस्तुति अच्छी लगी, आपका बहुत-बहुत आभार। सादर,
बहुत सुंदर केवल जी,मैदान में कड़कती बिजली से बहुत डर लगता है लेकिन आपकी रचना अच्छी लगी .धन्यवाद .
BAHOT KHOOB......................
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