For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नयन झुकाए मोहिनी, मंद मंद मुस्काय ।
  रूप अनोखा देखके, दर्पण भी शर्माय ।।

नयन चलाते छूरियां, नयन चलाते बाण ।
नयनन की भाषा कठिन, नयन क्षीर आषाण ।।

दो नैना हर मर्तबा, छीन गए सुख चैन ।

मन वैरागी कर गए, भटकूँ मैं दिन रैन ।।

आंसू के मोती कभी, मिलते कभी बवाल ।

नैनों की पहचान में, ज्ञानी भी कंगाल ।।

नयना शर्मीले बड़े, नयना नखरे बाज ।

नयनो का खुलता नहीं, सालों सालों राज ।।

नैनो से नैना मिले, बसे नयन में आप ।

नैना करवाएं सदा, मन का मेल मिलाप ।।

जो नैना नीरज भरें, जीतें मन संसार ।

नैना करके छोड़ दें, सज्जन को बेकार ।।

पल पल मैं व्याकुल हुआ, किया नयन ने वार ।

दो नैनो की जीत थी, दो नैनो की हार ।।

Views: 1015

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by seema agrawal on April 4, 2013 at 6:58pm

वाह क्या ही नयन बाज़ी हुयी है अरुण .......एक ही विषय पर अलग अलग अंदाज़ में इतने दोहे एक साथ ...कमाल ही है ये तो ..हर दोहा अपने आप में विशेष भाव लिए हुए 

आंसू के मोती कभी, मिलते कभी बवाल ।

नैनों की पहचान में, ज्ञानी भी कंगाल ।।........क्या बात है वाह 

नयना शर्मीले बड़े, नयना नखरे बाज ।

नयनो का खुलता नहीं, सालों सालों राज........खूबसूरत और पते की बात 

पल पल मैं व्याकुल हुआ, किया नयन ने वार ।

दो नैनो की जीत थी, दो नैनो की हार............बहुत बढ़िया

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 4, 2013 at 5:27pm

आदरणीय एडमिन महोदय एक गुजारिश है कृपया कई को हर में परिवर्तन कर दें सादर आभार.

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 4, 2013 at 5:26pm

आदरणीया प्राची दीदी दोहों पर आपकी सुन्दर टिप्पणी एवं सराहना पाकर ह्रदय गद गद हो गया और मैं ख़ुशी से फूलकर कुप्पा हो गया हूँ. डर है कहीं मोटापा न बढ़ जाए. आशीष और स्नेह यूँ ही बनाये रखें दी हार्दिक आभार सादर.

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 4, 2013 at 5:24pm

आदरणीय मित्रवर संदीप जी आपकी सराहना सर आँखों पर आभार मित्र .

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 4, 2013 at 5:23pm

आदरणीय चौधरी साहब बहुत बहुत शुक्रिया.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 4, 2013 at 4:52pm

आ० अरुण शर्मा जी,

दोहों पर बहुत सुन्दर प्रयास हुआ है...

पल पल मैं व्याकुल हुआ, किया नयन ने वार ।

दो नैनो की जीत थी, दो नैनो की हार ।।.............इस दोहे पर तो बार बार विशेष बधाई लें , बहुत सुन्दर 

दो नैना कई मर्तबा... इस चरण में मात्रा १४ हो रही है.

हार्दिक बधाई इस सुन्दर दोहावली पर.

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 4, 2013 at 3:45pm

बहुत सुंदर दोहे मित्रवार
नैनों को ग़ज़ब परिभाषित किया है आपने
बधाई हो आपको

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service