For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वीर छंद (३१ मात्राएँ/ १६ मात्राओं पर यति, १५ मात्राओं पर पूर्ण विराम/ अंत गुरु लघु)

सरबजीत भव पार गया है ---छोड़ गया वह देश जहान।  

अमर शहीदो से मिलने वह-- चला गया देकर फरमान। 

समय आगया अब भी जागो- अगर बचाना हिंदुस्तान 

देश कि रक्षा कर न सके जो --छीनों उनसे देश कमान। 

 

यम यातना उस ही  कैद मे-- नित भोग रहे है अवसाद  

मेरे लहू का मान रख लो ----- करवा लो इनको आजाद। 

जन जन का है नारा अब तो -जंग छेड़ो अरु रखो आन । 

धिक्कार है उस कुर्सी को -----बचा सके न देश की शान |

 

-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला

 

Views: 756

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 4, 2013 at 2:18pm

जब नौजवानों में जोश आये, कुछ करने का जज्बा, भाव पैदा हो, तो एक शहीद की जीत ही समझना चाहिए आदरणीया 

कुंती मुखर्जी | सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 4, 2013 at 2:16pm

रचना धर्मिता निभाना अपना कर्तव्य है भाई श्री केवल प्रसाद जी, रचना को सामयिक और बेहतर समझ सराहना 

हेतु आपका हार्दिक आभार 

Comment by coontee mukerji on May 3, 2013 at 9:21pm

.....और क्या कहें ......बहुत सारे सवाल ....दुख जो कह न सकें .....

सर्वजीत तो जीत गया है........पर यह कैसी जीत है  ........?  .... सादर / कुंती .

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 3, 2013 at 8:33pm

आ0   लडीवाला जी,   समसामयिक बेहतर व्यंग।  लेकिन इसका असर क्या, प्रतिक्रिया कौन, कैसे किस तरह देगा?  अभी तो मथुरा बेटा का सिर....और अब यह देश का बेटा.....?  कब खौलेगा खून, कब होंगी आंखें लाल, कब हमारे जवान अपनी गोरखा ताकत का प्रमाण देंगे?  चीन.. है!  चीनी की मिठास लेकर हमारे देश को सुगर की बीमारी भेंट कर रहा है।    और.....सरकार..राजनीतिज्ञ...कूटनीतिज्ञ,  विदेशी-नीतिज्ञ तथा हमारे राजदूत सभी आंखें बन्द करके उनकी मदद करते रहें हैं।  और हम सीटीबीटी एवं शान्ति का श्वेत झण्डा लहरा रहें हैं..और इस झण्डे पर सब लालों रंग का छिड़काव कर रहे हैं। हमें और तीखा व्यंग करके सरकार की चूल को हिलाना ही होगा....जिसकी प्रथम वीर रस रचना आपकी है..दूसरी मेरी होगी...और फिर....।   हार्दिक बधाई स्वीकारें..इस जागरण के लिए।  सादर,

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 3, 2013 at 5:25pm

 आपसे सहमती मिली प्रसन्नता हुई,हार्दिक आभार भाई श्री प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 3, 2013 at 11:52am

आपके शब्दों ने रचना की सार्थकता बयाँ करदी, आपका हार्दिक आभार श्री बसंत नरमा जी 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 3, 2013 at 11:44am

धिक्कार है उस कुर्सी को -----बचा न सके देश की आन। 

आदरणीय लड़ी वाला जी 

सादर अभिवादन 

आपसे सहमत 

बधाई, रचना हेतु. 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 3, 2013 at 10:56am

वीर छंद पर मेरा यह प्रथम प्रयास है, आपको पसंद आया, हार्दिक आभार आदरणीया गीतिका वेदिका जी 

आपको रचना सुंदर लगी यह मेरा सौभग्य, हार्दिक भार आपका भाई श्री मजोज शुक्ला जी 

Comment by बसंत नेमा on May 3, 2013 at 10:36am

लक्ष्मन ( जी)  तेरे तरकस का ये नुकिला  तीर .. देखन मे छोटा लगे घाव करे गम्भीर .. बहुत सुन्दर रचना .. बधाई 

Comment by manoj shukla on May 3, 2013 at 9:17am
सुन्दर रचना .....आदर्णीय बधाई स्वीकार करें ....कहीं कहीं लय टूट रहा है , आदर्णीय

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, इस प्रस्तुति को समय देने और प्रशंसा के लिए हार्दिक dhanyavaad| "
33 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपने इस प्रस्तुति को वास्तव में आवश्यक समय दिया है. हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी आपकी प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. वैसे आपका गीत भावों से समृद्ध है.…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त चित्र को साकार करते सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
15 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"सार छंद +++++++++ धोखेबाज पड़ोसी अपना, राम राम तो कहता।           …"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"भारती का लाड़ला है वो भारत रखवाला है ! उत्तुंग हिमालय सा ऊँचा,  उड़ता ध्वज तिरंगा  वीर…"
yesterday
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"शुक्रिया आदरणीय चेतन जी इस हौसला अफ़ज़ाई के लिए तीसरे का सानी स्पष्ट करने की कोशिश जारी है ताज में…"
yesterday
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"संवेदनाहीन और क्रूरता का बखान भी कविता हो सकती है, पहली बार जाना !  औचित्य काव्य  / कविता…"
yesterday
Chetan Prakash commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"अच्छी ग़ज़ल हुई, भाई  आज़ी तमाम! लेकिन तीसरे शे'र के सानी का भाव  स्पष्ट  नहीं…"
Thursday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सुरेद्र इन्सान जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई।  मतला प्रभावी हुआ है. अलबत्ता,…"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ जी आपके ज्ञान प्रकाश से मेरा सृजन समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी"
Wednesday
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service