For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ज़िंदगी भली 

रुलाती भी है कभी 

करमजली !

~

~

आग ज़िंदगी 

अनुराग ज़िंदगी 

ज़िंदगी प्यास !

~

~

ज़िंदगी ,बहो 

दर्द हैं नदी जैसे 

कुछ न कहो !

~

~

फूलों ने डसा

काँटों ने सहलाया 

अहा ज़िंदगी !
~
~
टटोलें मन 
स्वयं प्रकाश-पुंज 

यही जीवन !
~
~
मुठियों में बंद 
आँधियों से न डर 

जी बेखटक !
~
~
मन प्रभात
मन ही दुपहर
सूरज है न !
~
~

सहेज मत 
दर्द की ये बांसुरी 
फेंक दे दूर !

~
~

शून्य से चले 

छू लेंगे ही अनंत 

जब भी अंत !

~

~

उड़ती रही 

हाथ पर तितली 

उड़ ही गई !

_______________प्रो.विश्वम्भर शुक्ल ,लखनऊ 

(मौलिक और अप्रकाशित )



 

Views: 448

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by sushila shivran on June 26, 2013 at 5:15pm

फूलों ने डसा

काँटों ने सहलाया 

अहा ज़िंदगी !

बहुत सुन्दर हाइकु। अन्य हाइकु भी प्रभावित करते हैं। बधाई वि० शु० जी !

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 24, 2013 at 8:38pm

आ0 विश्वम्भर सर जी,
‘टटोलें मन
स्वयं प्रकाश.पुंज
यही जीवन !‘
......अतिसुन्दर हाईकू। हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर,

Comment by coontee mukerji on June 24, 2013 at 5:13pm

आदरणिय  शुक्ला जी , आप की रचनाएं हमेशा से जीवन दर्शन से पूरीत अनुभवों कई नदियों बहाती चलती है . पाठक गण इसे खूब पसंद करते हैं...लेकिन यह कितना अच्छा होता अगर आप भी ओबीओ की रचनाओं पर अपना अमूल्य टिपणियों  प्रस्तुत करते . सभी नये लखको को यही आशा रहते हैं कि कोई विद्व जन उन्हें मार्ग्दर्शन कराएं.

फूलों ने डसा

काँटों ने सहलाया 

अहा ज़िंदगी !
~
~
टटोलें मन 
स्वयं प्रकाश-पुंज 

यही जीवन !.................सादर /कुंती.

Comment by वेदिका on June 24, 2013 at 12:53pm

 भावनाओं में भिगोई हुई बहुत ही खूबसूरत हाइकू के  प्रस्तुतिकरण पर  शुभकामनाऐं स्वीकारिये 

Comment by Shyam Narain Verma on June 24, 2013 at 11:50am

बहुत ही खूबसूरत पंक्तियों का प्रस्तुतिकरण आपने किया...' शुभकामनाऐं................................

Comment by aman kumar on June 24, 2013 at 9:29am

मुठियों में बंद 
आँधियों से न डर 

जी बेखटक !

आप हायकू विद्या मे माहिर है , हर बार हमे सिखने को मिलता है विशम्बर जी |

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 24, 2013 at 9:20am
आदरणीय..विश्वम्भर जी, भावनाओं में लिपटी हुई बहुत ही खूबसूरत पंक्तियों का प्रस्तुतिकरण आपने किया...' शुभकामनाऐं

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
9 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
12 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
12 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
14 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
15 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय यूफोनिक अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। आदरणीय ग़ज़ल तक आने व बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु…"
15 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के।लिए सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service