मै खड़ा हूँ यूँ बांहों को खोले हुए
मेरी बाँहों में आने का वादा करो
मै जहाँ ये भुला दूँगा सुन लो मगर
मुझको दिल में बसाने का वादा करो
मै जो अब तक अकेला हूँ जीता रहा
धुंधले ख्वाबों को आँखों से सीता रहा
ये जो कोरी पड़ी है मेरी जिंदगी
रंग अपना चढ़ाने का वादा करो
मै खड़ा हूँ यूँ बांहों को खोले हुए
मेरी बाँहों में आने का वादा करो
तुम जो रूठी तो तुमको मना लूँगा मै
तुमको पल भर में अपना बना लूँगा मै
मै भी रूठूँगा तुमसे अगर तुम सुनो
तुम भी मुझको मनाने का वादा करो
मै खड़ा हूँ यूँ बांहों को खोले हुए
मेरी बाँहों में आने का वादा करो
जब से देखा है तुमको हूँ खोया हुआ
जागता भी नही और न सोया हुआ
मै ज़माने की नींदें चुरा लूँ अगर
मेरे ख्वाबों में आने का वादा करो
मै खड़ा हूँ यूँ बांहों को खोले हुए
मेरी बाँहों में आने का वादा करो
तेरा हंसना रहूँ तेरा रोना रहूँ
तेरा जगना रहूँ तेरा सोना रहूँ
मै तुम्हारा तुम्हारा रहूँगा सदा
मुझ पे हक ये जताने का वादा करो
मै खड़ा हूँ यूँ बांहों को खोले हुए
मेरी बाँहों में आने का वादा करो
अनुराग सिंह "ऋषी"
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय लक्ष्मण सर आपने इतना सम्मान दिया मै अभिभूत हूँ पर मै इस योग्य नही दोस्ती बराबरी वालों से होती है अपने से अनुजों से नही अतः मुझ पर तो बस आप स्नेह बनाये रखें आभार होगा आपका
सादर नमन :-)
आदरणीय श्याम नारायण सर , बसंत नेमा सर , कुंती मुखर्जी जी रविकर जी एवं सौरभ पाण्डेय जी आप सभी को ह्रदय से नमन अभिनन्दन वात्सल्य मिलता रहेगा ऐसा विश्वास है
सादर
आदरणीया गीतिका वेदिका जी , डॉ. प्राची जी आप दोनों को भी मेरा नमन और वंदन आगे भी स्नेह बनाये रखें आप सभी से ही सीखना है
सादर
सर्वप्रथम तो आप सभी सम्मानित जनो से क्षमा प्रार्थी हूँ मंच पर यथोचित समय ना दे पाने के कारण चूंकि मै विज्ञान का शोध छात्र हूँ अतएव कभी कभी व्यस्तता बढ़ जाती है और मुझे आशा है आप सभी अपने अनुज को क्षमा प्रदान करेंगे :-)
आदरणीय केवल प्रसाद जी , जितेन्द्र जी, अमन कुमार जी ,अरुन कुमार अनंत जी आप सभी के स्नेह के लिए ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ साथ ही आगे भी ऐसा स्नेह प्रदान करने की विनती भी करता हूँ
बहुत सुन्दर गीत रचना के लिए हार्दिक बधाई श्री अनुराज सीशी जी -
मै खड़ा हूँ यूँ बांहों को खोले हुए
मेरे साथ दोस्ती का वादा करो
और खड़ा हु मै स्नेह सहयोग के लिए
आओ साथ निभाने का वादा करो
शिल्प और कथ्य से उन्नत इस गीत के लिए हार्दिक बधाई, अनुराग ऋषि जी.
बढ़िया उदगार -
शुभकामनायें आदरणीय-
प्रेम पगे सुकोमल भावों की अभिव्यक्ति पर हार्दिक बधाई आ० अनुराग जी
बहुत सुंदर प्रेमगीत .
बहुत सुन्दर गीत। हार्दिक बधाई .....
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