For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

विपत-प्रबंधन ढील, बहे घर-ग्राम-कबीला-

थोथी-थूल दलील दे, भाँजे लापरवाह |
लीला लाखों जिंदगी, कातिल है नरनाह |
कातिल है नरनाह, दिखाए दुर्गति-लीला |
विपत-प्रबंधन ढील, बहे घर-ग्राम-कबीला |
धरे हाथ पर हाथ, मजे में बाँचे पोथी |
छी छी सत्ता स्वार्थ, थुड़ी थू थोथा-थोथी ||

मौलिक / अप्रकाशित

Views: 661

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on July 10, 2013 at 7:52pm

आदरणीय रविकर जी सादर, सुन्दर कुण्डलिया छंद "थुड़ी थू थोथा-थोथी" बहुत गजब.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 3, 2013 at 10:31am

पंक्ति को वैधानिकतः संशोधित कर देने के लिए सादर धन्यवाद, आदरणीय

Comment by रविकर on July 3, 2013 at 10:22am

बड़ा खुलासा आज, किया क्यूँ इस "इसरो" ने |

जी आदरणीय-

ठीक कर दिया-

सादर-


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 3, 2013 at 10:10am

आदरणीय रविकर जी, प्रतिक्रिया कुण्डलिया में आपने रोला वाले भाग के विषम चरण में किन्तु, बड़ा खुलासा किया   लिखा है जो कि छंद के वैधानिक रूप से सही नहीं है. रोला का विषम चरण गुरु से समाप्त नहीं हो सकता है न !

मेरा इशारा उस ओर था.

सादर

Comment by रविकर on July 3, 2013 at 9:18am

आभार
आदरणीया डा प्राची जी
आदरणीया महिमा श्री जी-

Comment by रविकर on July 3, 2013 at 9:17am

आभार आदरणीय सौरभ जी |
बड़ा खुलासा से तात्पर्य-
मौसम की विभाग की चेतावनी
और इसरो द्वारा ६ घंटे पूर्व बादल फटने की घटना के प्रति सरकार को आगाह करने से है-
सादर-

Comment by MAHIMA SHREE on July 2, 2013 at 11:01pm

वाह!!! कम शब्दों में भी मारक प्रभाव का अंदाज ... सबसे निराला है आदरणीय रविकर सर ...बहुत -२ बधाई आपको


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 2, 2013 at 10:23pm

आदरणीय रविकर भाईजी, आपकी प्रतिक्रिया छंद रचना का जवाब नहीं.  बहुत ही परिपक्व कहन है. 

किन्तु, बड़ा खुलासा किया ..    ? .. :-((((((

सादर

Comment by रविकर on July 2, 2013 at 7:25pm

आभार आदरेया-

इस रोने से क्या भला, नहीं समय पर चेत |
बादल फटने की क्रिया, हुवे हजारों खेत |

हुवे हजारों खेत, रेत मलबे में लाशें |
दुबक गई सरकार, बहाने बड़े तलाशें |

रविकर पक्का धूर्त, इसे दो रोने धोने |
बड़ा खुलासा आज, किया क्यूँ इस "इसरो" ने ||


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 2, 2013 at 7:00pm

उत्तराखंड की आपदा पर सरकारी लापरवाह प्रबंधन ढील पर लिखी गयी एक सटीक सुप्रवाह्मय कुंडलिया 

शुभकामनाएं 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service