For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अलादीन का चिराग हूँ मैं

अलादीन का चिराग हूँ मैं

एक हसीन ख्वाब हूँ मैं

 

मचलती सुबह हूँ मैं

खिलखिलाती शाम हूँ मैं

 

हँसी का अंदाज हूँ मैं

प्रीत हूँ प्यार हूँ मैं

 

पहचान मेरी मुझसे है

दो कुलों की शान हूँ  मैं

 

दायरों मे बंधी हूँ मैं

शर्म से सजी हूँ मैं

 

छाया हूँ बाबुल के आंगन की

पिया की परछाई हूँ मैं

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 666

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on July 27, 2013 at 4:14am

आदरणीया प्रज्ञा जी इन दो अशआरो पर विशेष बधाई स्वीकारें -

पहचान मेरी मुझसे है

दो कुलों की शान हूँ मैं



दायरों मे बंधी हूँ मैं

शर्म से सजी हूँ मैं

शब्दों का चयन और संचयन चमत्कृत करते हैं लिखते सीखते रहीए शुभकामनायें !

Comment by वीनस केसरी on July 27, 2013 at 1:08am

वाह वाह बहुत शानदार ... क्या कहने ...

ग़ज़ल के शिल्प की ओर बढिए तो आगे और भी शानदार रचनाएं पढ़ने को मिलें
शुभकामनाएं

Comment by वेदिका on July 18, 2013 at 9:28pm

पहचान मेरी मुझसे है

दो कुलों की शान हूँ  मैं

 

यह पद तो विशेष सुन्दरता लिए है, बधाई!!  


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 18, 2013 at 9:05pm

बहुत बहुत बधाई. 

नैसर्गिकता को व्याकरण दें ..

शुभम्

Comment by Pragya Srivastava on July 17, 2013 at 7:01pm

 आदरणीय रक्ताले जी आपका बहुत -बहुत धन्यवाद आपने जो उत्तम मार्ग प्रशस्त किया है उसका अनुसरण करूंगी

Comment by Pragya Srivastava on July 17, 2013 at 6:56pm

आदरणीय बग्गी जी,आपका बहुत- बहुत आभार प्रयास करती रहूंगी, मार्ग दर्शन देते रहें


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 16, 2013 at 9:06pm

प्राकृतिक रूप से जन्मे कथ्य को लेखिका ने स्वभाविक रूप में रख दिया है, इस अभिव्यक्ति पर बधाई, प्रयास करती रहें , सादर । 

Comment by बृजेश नीरज on July 16, 2013 at 6:00pm

आदरणीया प्रज्ञा जी इस प्रयास पर आपको हार्दिक बधाई!
आदरणीय रक्ताले जी के कहे पर ध्यान दें।

Comment by विजय मिश्र on July 16, 2013 at 6:00pm
वाह ! कितनी मौलिक सरोकार इतने सरल शब्दों में रखी आपने . साधुवाद प्रज्ञाजी इस जीवन्त रचना प्रस्तुति पर. बधाई .
Comment by Shyam Narain Verma on July 16, 2013 at 9:49am
बहुत ही सुन्दर रचना , हार्दिक बधाई......................................."

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
1 hour ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी ठीक है  मशविरा सब ही दे रहे हैं पर/ मगर ध्यान रख तेरे काम का क्या है ।"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service