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भारत तुझे नमन

 

जब-जब देखा यहाँ है पाया

एक अनोखा रंग

भारत तुझे नमन

कण-कण मे यहाँ प्यार है बसता

देखो कितनी है समरसता

चाहे हिंदू, चाहे मुस्लिम,

चाहे सिक्ख हो, या ईसाई

यहाँ की मिट्टी की खुशबू से

महके सबका मन

भारत तुझे नमन

सरगम के हैं गीत यहाँ

हर मन मे है प्रीत यहाँ

मेहमानों की आवभगत में

हर्षाते हरदम

भारत तुझे नमन!!!!!!!!!! 

मौलिक व अप्रकाशित

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Comment

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Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on January 16, 2014 at 11:12am

सुंदर गीत , हार्दिक  बधाई आ. प्रग्याजी ।

Comment by अरुन 'अनन्त' on January 16, 2014 at 10:38am

बेहद सुन्दर गीत रचा है आपने पढ़कर अच्छा लगा आपको हार्दिक बधाई.

जय हिन्द जय भारत

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on January 16, 2014 at 8:20am

यहाँ की मिट्टी की खुशबू से

महके सबका मन

भारत तुझे नमन

सरगम के हैं गीत यहाँ

हर मन मे है प्रीत यहाँ.......बहुत सुंदर भाव, देश की महिमा को बयां करती पंक्तियाँ

बधाई स्वीकारें आदरणीया प्रज्ञा जी


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 15, 2014 at 11:29pm

भारत देश की शान में बहुत सुन्दर सुमधुर रचना 

जय हिन्द !

सरगम के हैं गीत यहाँ....यह पंक्ति कुछ बदलाव चाहती सी अवश्य लगी.

इस सुन्दर गीत के लिए हार्दिक बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 15, 2014 at 8:23pm

आदरणीय , बहुत सुन्दर भावों से रची आपकी रचना के लिये आपको बधाई ॥ जय हिन्द ॥

Comment by विजय मिश्र on January 15, 2014 at 4:43pm
भारत तुझे नमन
Comment by Meena Pathak on January 14, 2014 at 2:43pm

भारत तुझे नमन !!!!   क्या बात है ,,, बहुत सुन्दर रचना, बधाई 

Comment by Shyam Narain Verma on January 14, 2014 at 12:03pm
बहुत खूबसूरत रचना के लिये आपको बधाई .......................
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 14, 2014 at 11:13am

भारत तुझे नमन -सुन्दर रचना हुई है | 

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"वाह..बहुत ही सुंदर भाव,वाचन में सुन्दर प्रवाह..बहुत बधाई इस सृजन पर आदरणीय अशोक जी"
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