For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खिड़कियाँ घर की तुम खुली रखना

खिड़कियाँ घर की तुम खुली रखना 

नजरें दर पे ही तुम टिकी रखना 

फिर से परवाना न मिटे कोई 

बज्म में शम्मा मत  जली रखना 

दिल मेरा रहता बेक़रार बड़ा  

तुम जरा सी तो बेकली रखना 

कैद मुझको तू कर ले दोस्त मेरे 

जुल्फ की ही पर हथकड़ी रखना 

है हवाओं में अब जहर बिखरा 

तू मगर आदत हर भली रखना 

आरजू दिल में बस मेरे इतनी 

अपने दिल में ही अजनबी रखना 

आशु वो देगा सौं न पीने की 

तू मगर शौके मयकशी रखना 

मौलिक व अप्रकाशित 

डॉ आशुतोष मिश्र 

आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी 

बभनान, गोंडा 

Views: 599

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Meena Pathak on July 26, 2013 at 7:37pm

बहुत सुन्दर गज़ल, बधाई आदरणीय 


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on July 26, 2013 at 1:36pm

//yadi khuli aur jali ka upyog matle me nahee hota to kya maykashi ajnabi aaur hathkadi ke pryog jayaj hote//

.

बिल्कुल जायज़ होते डॉ आशुतोष मिश्रा जी.

Comment by विजय मिश्र on July 26, 2013 at 12:48pm
'कैद मुझको तू कर ले दोस्त मेरे
जुल्फ की ही पर हथकड़ी रखना |'
और ये
'आशु वो देगा सौं न पीने की
तू मगर शौके मयकशी रखना ' -- बेहद पसंद आई .बधाई
Comment by वीनस केसरी on July 26, 2013 at 3:09am

बहुत खूब आशुतोष जी,
ग़ज़ल पर ये प्रयास सराहनीय है ...
बधाई

कुछ अशआर बहर के हवाले से और कसे जाने चाहिए
शुभकामनाएं

Comment by Dr Ashutosh Mishra on July 26, 2013 at 12:55am

aaderneeya mahima jee ..meri ghazal par aapkee utsahvardhak pratikriya keliye hardik badhayee ..saadar

Comment by MAHIMA SHREE on July 25, 2013 at 11:48pm

खुबसूरत गजल के लिए बधाई आदरणीय

Comment by Dr Ashutosh Mishra on July 25, 2013 at 10:59pm

aaderneey yograj jee ..dheere dheere main ghazal kee baareekiya aap sabhee bidwat jano ke margdarshan mein seekh raha hoon ..yadi khuli aur jali ka upyog matle me nahee hota to kya maykashi ajnabi aaur hathkadi ke pryog jayaj hote .aapke is sujhav par main dhyan donga taakee iskee punravritti na ho..margdarshan ke liye hardik abhar ke sath


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on July 25, 2013 at 3:42pm

आदरणीय डॉ आशुतोष मिश्र जी,  मतले में "खुली" और "जली" काफिये लेकर आप व्यंजन "ल" को हर्फ-ए-रवी मुक़र्रर कर चुके हैं अत; "हथकड़ी' "अजनबी" या "मयकशी" आदि कवाफी खारिज माने जायेंगे. कृपया इस और ध्यान दें.

Comment by Ketan Parmar on July 25, 2013 at 1:59pm

बहुत सुन्दर! हार्दिक बधाई!

Comment by बृजेश नीरज on July 25, 2013 at 10:49am

बहुत सुन्दर! हार्दिक बधाई!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। आइए…See More
28 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी आभार संज्ञान लेने के लिए आपका सादर"
29 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए सादर"
34 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी आभार आपका सादर"
35 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. अमित जी ग़जल पर आपके पुनरागमन एवम् पुनरावलोकन के लिए कोटिशः धन्यवाद ! सुझावानुसार, मक़ता पुनः…"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी, बहुत धन्यवाद। आप का सुझाव अच्छा है। "
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से मश्कूर हूँ।"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय  दिनेश जी,  बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर बागपतवी जी,  उम्दा ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी,  बेहतरीन ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। मैं हूं बोतल…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय  जी, बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। गुणिजनों की इस्लाह तो…"
8 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service