आप जब से मेरी जिन्दगी हो गई ।
आप जब से मेरी जिन्दगी हो गई ।
सारी दुनिया से मेरी दुश्मनी हो गयी ॥
आप को जो हमराज मै कह गया ।
तो दोस्तो से मेरी दुश्मनी हो गयी ॥ 1 ॥
नूर चेहरे का तेरे चाँदनी दे गया ।
देख कर चाँद भी तुझको शरमा गया ।
जो चाँद पूनम का मै तुम्हे कह गया ।
तो चाँद से भी मेरी दुशमनी हो गयी ॥ 2 ॥
शायरो की शहर मे कल महफिल सजी ।
सबने अपनी मुक्कमल गजल थी पढी ।।
जो मै तुम को अपनी गजल कह गया ।
तो शायरो से मेरी दुशमनी हो गयी ।। 3 ॥
आप कल बाग मे जो गये घूमने ।
सारे भँवरे लगे आप को घूरने ।।
तेरे होंठो को जो मै कली कह गया ।
तो फूलो से मेरी दुशमनी हो गयी ।। 4 ।।
कल जुल्फे जो तूने खुली छोड दी ।
रात दिन मे ही जैसे होने लगी ॥
तेरी जुल्फो को जो, काली घटा कह गया ।
तो बादलो से मेरी दुश्मनी हो गयी ।। 5 ॥
आंखे तेरी छ्लकते दो पयमाने हुये ।
बिन पिये ही तेरे हम दिवाने हुये ।।
मै जो बोतल नशे की तुझे कह गया ।
तो शराबी से मेरी दुशमनी हो गयी ॥ 6 ॥
आप हमको मिले हर खुशी मिल गयी ।
जिन्दगी भी मेरी अब हँसी हो गयी ।
जो आप को हमने अपना खुदा कह दिया ।
तो खुदा से मेरी दुश्मनी हो गयी ।। 7 ।।
"मौलिक व अप्रकाशित"
Comment
आ0 जितेन्द्र जी ...बहुत बहुत शुक्रिया धन्यवाद रचना को आप ने समय दिया ..........
"कल जुल्फे जो तूने खुली छोड दी ।
रात दिन मे ही जैसे होने लगी ॥
तेरी जुल्फो को जो, काली घटा कह गया ।
तो बादलो से मेरी दुश्मनी हो गयी "" .......................बहुत खुबसूरत तुलना ,
इन खुबसूरत पंक्तियों पर ,हार्दिक बधाई ,आदरणीय बसंत जी
आ0 श्याम जी शुक्रिया धन्यवाद रचना को आप का समय मिला ...........
आ0 अमन जी जब आप लोग साथ है तो डर किस बात का ..........बहुत बहुत शुक्रिया ....
जो चाँद पूनम का मै तुम्हे कह गया ।
तो चाँद से भी मेरी दुशमनी हो गयी ॥
जब हम किसी एक को चुनते है तो कही न कही अन्य सभी को नकारते भी है .....
पर आपकी ख़ुशी के लिए आपको आपकी सभी दुश्मनी मुबारक हो !
भावनाओं से ओतप्रोत रचना पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें.... |
आदरणीय बसंत जी!
आपने हमारे कहे को समझा, और हमें आपका कहा समझ आया,, दुरुस्त सम्वाद कई नियामत है !!
शुभकामनाएं !!
आदरणीया मीना जी ...रचना पर आप की हौसलाफजाई के लिये धन्यवाद ..
आ0 वसुन्धरा जी ..रचना को समय दिया धन्यवाद शुक्रिया ... और स्वागत है आप का ओबीओ के परिवार मे ...
हा हा .. आ0 वेदिका जी ... बहुत बहुत धन्यवाद ....
वैसे शराबी से दुश्मनी का सबाल है तो वो जलन है उसकी जिसके कारण उसने दुशमनी हम से कर ली ......
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