सार छंद | १६-१२ पर यति , अंत दो गुरु |
|
Comment
सर्दी गर्मी या बारिस हो, लक्ष्य ही निशाना है | |
जहाँ चाह हो वहीँ राह है, नित बढ़ते जाना है | प्रिय श्याम नारायण जी ...सुन्दर रचना ...आह्वान और जोश भरी ..जय हिन्द जय श्री राधे |
आदरणीय पाण्डेय जी
प्रणाम ,
आपकी राय सदा ही सिरोधार्य है |
बहुत बहुत धन्यवाद
सादर ,
भाई गणेश जी के कहे के सापेक्ष मैं भी आग्रही हूँ.
सादर
Mukhtalif Rang Ke Khilte Hai Hase Phool Yanha,
Dosto ! Mulk Ko Gulzar Banaye Rakhna. !!
बहुत खुब श्याम जीाा बधाई
देश के प्रति सुन्दर, प्रेरक उदगार. बधाई एवं साधुवाद.
अति सुन्दर रचना , उत्साह जनक !! बधाई श्याम भाई !!
आदरणीय वर्मा सर प्रणाम , वीर जवानों से हमारी उम्मीदें बहुत ज्यादा होना स्वाभाविक है परन्तु हमारे जैसे ही कुछ लोग अपना कर्तव्य सही ढ़ंग से नही निभा रहे हैं जिसके सुधार की अति आवश्यक्ता है, आपकी भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए आपको धन्यवाद!
आ0 श्याम नारायण सर जी, सादर प्रणाम!//
जहाँ चाह हो वहीँ राह है, नित बढ़ते जाना है | |
मुसीबतों से ना घबराना, खार को हटाना है | // |
भाव पूरित सुन्दर रचना। सादर,
आ० हमारे वीर जवान तो ये सब जानते है इसीलिए शायद मर मिटते है बिना किसी चाहत के, हाँ उन वीर जवानों को टहे दिल से सलाम करते हैं जिनकी वजह से हम महफूज़ रहते हैं । हमे उन सोते हुओं को जगाना है जिनके कान जूं तक न रेंगती है ।
आपकी रचना कबीले तारीफ है बहुत बधाई आपको ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online