For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सदा देश है प्यारा |

सार छंद | १६-१२ पर यति , अंत दो गुरु |

 

पवन वेग से दीप बचाना, छा ना जाये अंधेरा | 
बढ़ते जाओ चढ़ते जाओ, तोड़ो यम का  डेरा |  
रास्ते में बाधा ना आये, रोक सके ना घेरा | 
वीरों आगे बढ़ते जाओ, तम का तोड़ो डेरा | 
राह से विचलित नहीं होना, बस मंजिल पाना है | 
सर्दी गर्मी या बारिस हो, लक्ष्य ही निशाना  है | 
जहाँ चाह हो वहीँ राह है, नित बढ़ते जाना है |  
मुसीबतों से ना घबराना, खार को हटाना है | 
आंधीं तूफान राह रोके, बढ़  राह बनाना है |  
देश पर भी  आँच ना आये, नित बढ़ते जाना है | 
कोई साथी गर फँस जाये, फ़ौरन बचाना है |  
मिल जुल कर हर कदम बढाओ, बुराई मिटाना है |
वीरों सदा सत पथ पर चलो, देश को बढ़ाना है |  , 
नव विज्ञान नये  तकनीक से, हर खुशियाँ लाना है |
देश का नाम हो दुनिया में, काम कर  दिखाना है |

वर्मा सदा  देश है प्यारा, खुशहाल बनाना है |

.

श्याम नारायण वर्मा 
(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 659

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on September 1, 2013 at 12:43am
सर्दी गर्मी या बारिस हो, लक्ष्य ही निशाना  है | 

जहाँ चाह हो वहीँ राह है, नित बढ़ते जाना है |  

प्रिय श्याम नारायण जी ...सुन्दर रचना ...आह्वान और जोश भरी ..जय हिन्द

जय श्री राधे
भ्रमर ५

Comment by Shyam Narain Verma on August 26, 2013 at 5:52pm

आदरणीय पाण्डेय जी
प्रणाम ,
आपकी राय सदा ही सिरोधार्य है |
बहुत बहुत धन्यवाद
सादर ,


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 25, 2013 at 10:59am

भाई गणेश जी के कहे के सापेक्ष मैं भी आग्रही हूँ.

सादर

Comment by MOHD. RIZWAN (रिज़वान खैराबादी) on August 17, 2013 at 12:11pm

Mukhtalif Rang Ke Khilte Hai Hase Phool Yanha,
Dosto ! Mulk Ko Gulzar Banaye Rakhna. !!

Comment by MOHD. RIZWAN (रिज़वान खैराबादी) on August 17, 2013 at 12:09pm

बहुत खुब श्‍याम जीाा बधाई

Comment by Vinita Shukla on August 16, 2013 at 2:35pm

देश के प्रति सुन्दर, प्रेरक उदगार. बधाई एवं साधुवाद.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 15, 2013 at 10:34am

अति सुन्दर रचना , उत्साह जनक  !! बधाई श्याम भाई !!

Comment by D P Mathur on August 15, 2013 at 8:07am

आदरणीय वर्मा सर  प्रणाम , वीर जवानों से हमारी उम्मीदें बहुत ज्यादा होना स्वाभाविक है परन्तु हमारे जैसे ही कुछ लोग अपना कर्तव्य सही ढ़ंग से नही निभा रहे हैं जिसके सुधार की अति आवश्यक्ता है, आपकी भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए आपको धन्यवाद!

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on August 14, 2013 at 9:42pm

आ0 श्याम नारायण सर जी, सादर प्रणाम!//

जहाँ चाह हो वहीँ राह है, नित बढ़ते जाना है |  
मुसीबतों से ना घबराना, खार को हटाना है | //

                     भाव पूरित सुन्दर रचना। सादर,

Comment by annapurna bajpai on August 14, 2013 at 8:29pm

आ० हमारे वीर जवान तो ये सब जानते है इसीलिए शायद मर मिटते है बिना किसी चाहत के, हाँ उन वीर जवानों को टहे दिल से सलाम करते हैं जिनकी वजह से हम महफूज़ रहते  हैं । हमे उन सोते हुओं को जगाना है जिनके कान जूं तक न रेंगती है ।

आपकी रचना कबीले तारीफ है बहुत बधाई आपको ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"सार छंद +++++++++ धोखेबाज पड़ोसी अपना, राम राम तो कहता।           …"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"भारती का लाड़ला है वो भारत रखवाला है ! उत्तुंग हिमालय सा ऊँचा,  उड़ता ध्वज तिरंगा  वीर…"
7 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"शुक्रिया आदरणीय चेतन जी इस हौसला अफ़ज़ाई के लिए तीसरे का सानी स्पष्ट करने की कोशिश जारी है ताज में…"
19 hours ago
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"संवेदनाहीन और क्रूरता का बखान भी कविता हो सकती है, पहली बार जाना !  औचित्य काव्य  / कविता…"
yesterday
Chetan Prakash commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"अच्छी ग़ज़ल हुई, भाई  आज़ी तमाम! लेकिन तीसरे शे'र के सानी का भाव  स्पष्ट  नहीं…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सुरेद्र इन्सान जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई।  मतला प्रभावी हुआ है. अलबत्ता,…"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ जी आपके ज्ञान प्रकाश से मेरा सृजन समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी"
Wednesday
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 182 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

२२ २२ २२ २२  आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा  का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"सुझावों को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुशील सरना जी.  पहला पद अब सच में बेहतर हो…"
Wednesday
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service